याद तो बहुत आते हो अब जताती नहीं मैं दुख तो बहुत होता है अब दिखाती नहीं मैं राहें अलग मंजिल अलग अलग हमसफर है अलग तुम अलग हम अलग जैसे शब और सहर है तुम खुश रहो हमेशा यही दुआ है हमारी तरक्की करो खूब नाम कमाओ कोई रुकावट आए ना राहों में तुम्हारी
ख़्वाईश तो बस इतनी है, की कुछ इस कदर हमारे दिल के हालात हो जाये.. ख़्वाईश तो बस इतनी है..... की कुछ इस कदर हमारे दिल के हालात हो जाये.. : की मैं उसकी शायरी और वो मेरा ग़ज़ल हो जाए।