रिश्तेदारों के घर जाओ तो उनका काम फैल जाता है,
और अगर नहीं जाओ तो उनका मुंह फूल जाता है।
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दुनिया से शिकायत कैसी, हम खुद ही खुद को नजरअंदाज करते हैं।
चार लोग क्या कहेंगे ? यही सोचकर समय बर्बाद करते हैं।
सबको खुश रखने के चक्कर में,
खुद की खुशी भूल जाते है।
फिर भी कोई खुश होता नहीं हमसे,
और हम खुद को ही दुखी कर जाते है।
खुद के आशियाने को भूलकर,
हम दूसरो का जहां आबाद करते हैं।
चार लोग क्या कहेंगे ? यही सोचकर समय बर्बाद करते हैं।
तारीफ झूंठी क्यों न हो,
उसे सुनकर भी हम खुश हो जाते है।
दूसरों के हाथ में सौंप अपने दिमाग की चाबी,
हम उनके हाथों की कठपुतली बन जाते है।
खेर जाने दो, सब पता होने के बाद भी
हम सबकी सलामती की फरियाद करते हैं।
चार लोग क्या कहेंगे ? यही सोचकर समय बर्बाद करते हैं।
दुनिया से शिकायत कैसी, हम खुद ही खुद को नजरअंदाज करते हैं।-
अब महफिलों से ज्यादा,
मुझे,
ठंडी ठंडी रातों में तेरी यादों की,
मुझे, रजाई अच्छी लगती है।
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क्या करूंगी में आलीशान महल का,
हम साथ में हमेशा खुश रहें, और
छोटे घर में प्यार बना रहे यही तो सुहाता है मुझे
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे।
कभी तकरार ना हो हमारी, और कभी हो भी तो,
तुम रूठो तो में मनायूं, तुम्हें प्यार से
और रूठी हुई में रहु, तो वो मनाता है मुझे,
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे।
दुआ है मेरी, तेरे कदम चूमे ये जहां,
तुम हमेशा खुश रहो, और हमारा साथ बना रहे,
बड़ा सुकून मिलता है जब तू अपनी बाहों में समाता है मुझे।,
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे,
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे।।-
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे,
नही जाना कहीं बाहर होटल में खाना खाने,
तेरे साथ घर का सादा खाना, भाता है मुझे,
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे।
मुझे नहीं चाहिए महंगी गाड़ियां,
तेरे हाथो में हाथ डालकर,
तेरे साथ पैदल चलना लुभाता है मुझे
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे।
नही चाहिए सोने के ज़ेवर,झुमके,कंगन,बालियां,
तू ही तो मेरा गहना है, और
तेरी बाहों का हार ही तो सजाता है मुझे,
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे।
साथ तेरे हर हाल में खुश रहना आता है मुझे।।-
,तेरे इंतज़ार में
तेरे आने की कोई खबर नहीं मिली,
मुझे महसूस हुआ तुम कल आओगे,
तुम्हारे लिए श्रृंगार किया था मैने
पर तुम ना आए, रो रो कर मेरा,
सारा काजल बह गया, तेरे इंतज़ार में।
कल फिर तुम्हारे आने की आस लगाई है,
तुम्हारे आने वाली हर गली सजाई है,
रोज़ यही तो होता है, कल ऐसा न हो, की
फिर एक सूरज ढल गया, तेरे इंतज़ार में।-
हमारी खुशी,
हमारी जिम्मेदारी है,
हमे ही,
इसका जिम्मा उठाना पड़ेगा,
सुख हो या दुख हो,
जिंदगी में हमारी,
खुद के लिए,
हमे ही तो मुस्कुराना पड़ेगा।-
नजर अंदाज करता है मुझे वो,
उसे पता है,
कि मुझे ठेस पहुंचती है उसके इस अंदाज से,
पर फिर भी, पर फिर भी
यही सितम करके,
परेशान हर बार करता है मुझे वो।-
दूर है तुमसे
तुम्हारे दिल के करीब है
और हमे पता है
हम तुम्हारे बहुत अज़ीज़ है-