वो वर का पिता होता है,
जो भीख माँगता है दहेज की।
वो वर का पिता होता है,
जो पुत्र वधू की आड़ में भीख माँगता है नौकरानी की।
वो वर का पिता होता है,
जो वधू के माता पिता से भीख में अपेक्षा करता है सम्मान की।-
बहू को घूंघट की जरूरत ना होती अगर,,
ससुराल में ससुर की जगह ,पिता की होती।।-
"Look, This Is Your Own House and No Need To Worry.You Will Be Treated As Our Own Daughter.I Will Fillup Your All Demand Like Your Father Did Till." - Father-in-law Assured His Daughter-in-law. ❤
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बंद कुछ घरों में
"घूंघट" का रिवाज़ हो चला है
सुना है कुछ घरों में
"ससुर" अब बाप हो चला है-
When a boy's mother
expects her daughter-in-law to live with her, it's 'normal'. But if a girl mother's expects her son-in-law live with her she is jailing her ?
What logic is that, I say !
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एक में राम तो दूजे में है कृष्ण के गुण
अब इससे ऊपर क्या कहूँ
मेरे दोनों ही पिता है परम पिता का रूप-
पापा की कभी परी थी, आज ससुर जी की ज़री हूँ,
उनकी छाया में बड़ी हुई थी कभी, आज ससुर जी की कारीगरी हूँ।
शान में आपके क्या कहूँ और
कभी कली थी मैँ पीहर की, आज खिलती दुपहरी हूँ।
गुलमोहर की पौध थी मैँ, अंकुरित ही बस हुई थी,
जब शादी होकर आई थी तो ना अकल थी ना समझ थी।
घूंघट का तानाबाना मुझे कभी भी ना समझ आया था।
कैसा खाना किसको पसंद , सर के ऊपर से निकल जाता था।
पढाई की शौकीन थी, बस वही समझ आता था।
क्या कुकिंग क्या समाज क्या मंदिर ये सब ऊपर से निकल जाता था।
फिर भी आपने मुझ पर कभी कोई नियम कानून नहीं लगाया,
जैसी मेरी बेटी वैसे ही मेरी बहु कुछ ऐसी ही कोशिश में मैने आपको सर्वदा पाया।
ऐसे प्यार को पाकर मैं भाव विभोर धन्य हूँ,
और, आपके प्यार की खाद से , तूफान में भी अटल अविचल हूँ।
पापा की कभी परी थी, आज ससुर जी की ज़री हूँ,
उनकी छाया में बड़ी हुई थी कभी, आज ससुर जी की कारीगरी हूँ।-
After marriage
a girl turned up
as a wife and
daughter-in-law too.
But a man
remains the role of
son and husband.
Not every man is
turning himself
as son-in-law!.
_ sherienomar-
A girl is lucky always when she gets her father care, love and characteristics in her father in law.
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