ख्याल भी सवाल कर बैठे है,
कि अक्सर क्यों मैं ख्यालों में खोई रहती हूं।
अब सवाल ये है,
कि ख्यालों में मेरी दुनिया है, या दुनिया ही मेरे ख्याल है?-
Co-author & Editor of 'काव्यात्मक सफ़र' & ... read more
अफसोस तो इस बात का है कि,
इतनी किताबें पढ़ने के बाद भी, मैं इंसान पढ़ना नहीं सीख सकी।-
ये खास बनने की ज़ेदोजहद में,
हम मामूली बनाना भी भूल गए।
यूंही दौड़ते दौड़ते दो पल का सुकून भी भूल गए,
क्या होता है, खास बनने से,
अगर किसी के दिल में ही खास होना भूल गए।-
When you think that your mental peace is breaking into pieces, just walk away.
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खुद को ढूंढने की एक वजह काफ़ी है,
खोने की वजह तो हजार है।
जीने की एक वजह काफी है,
मरने की वजह तो हजार है।
लिखने को एक ज़ख्म ही काफी है,
वरना जिंदगी में ज़ख्म हजार है।-
कोई टूटे हुए इश्क़ की कैद में जी रहा है,
तो कोई कैद हो के इश्क़ की चाह में जी रहा है।
कौन आज़ाद हैं यहां ग़ालिब,
हर कोई बस अपनी ख्वाहिशों की कैद में जी रहा है।-
चल आज पहाड़ों में सुकून को ढूंढते हैं,
फिर से खुद को इनमें खो के, खुद को ढूंढते हैं।-
खो गया कुछ ऐसे, खुद का पता ढूंढते ढूंढते,
कि खुद का पता तो मिला नहीं, लेकिन तलाशने का हूनर खूब आ गया।-