QUOTES ON #ENVIORNMENT

#enviornment quotes

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12 NOV 2017 AT 11:51

Nature is my love

Mountains are my Heart,
Rivers are the flow of my Emotions.

Forests are the Depth Secrets of mine.
Ponds are my Fonds .

I want to lost myself ,
And die in this Environment .

To find my Soul .



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12 NOV 2017 AT 12:24

Nature is my love.
where
prayers are carried by hold of winds,
drops of thoughts reaching the oceans.
uncountable unchartered secret
buried under the vast lands.
where
Valleys sing the song of peace
tornadoes,resting in the hive of beast.
where
victory is achieved through
the end of once life.
jungles possessing
various of all kind.
insanity spread all around.
where
everything thing ends
to get started next time.

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5 JUN 2021 AT 8:44

पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सब मिलकर एक सफल संकल्प ले पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का प्रयास करेंगे उसकी रक्षा करेंगे पेड़ो का हमारे जीवन में महत्वूर्ण स्थान है हमें जीवन जीने के लिए ऑक्सीजन इन्हीं से मिलती हैं और हमारे चारों ओर की अशुद्धता को दूर करते हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।।।।।🌲🌳🌳🌳🌷🌷🥀🥀🌻🌻 जीवन को इस प्रकृति के रंगीन रंगो से गुलजार कर दो 🌳🌳🌳🌳🌳......................

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5 JUN 2019 AT 16:07

Be kind to other and everything will kind to you.

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14 DEC 2016 AT 23:26

वह और मैं एक ही छत के नीचे थे।खोयी वस्तु को खोज निकालने का उत्साह,क्रोध,जरुरत उसकी आंखो मे साफ दिखाई दे गया और मैं मौत के नज़दीक हो जिंदगी के लिए भीख मांग रही थी,कि अचानक ये क्यो?वह कमरें के कोने में पड़ गया,अपने थके शरीर के साथ।हाँ!शेर जंगल से इस सीमित हरियाली में अपनी जगह ढूढ़ रहा था..,जो कभी उसका अपना था।पर जंगल अब शहर था उसका घर हमारा घर थाऔर:-

"वें बेघर.... है,
क्या मिलेगा उन्हें?
उसकी तलाश जारी है।"

-------Nidhi krisroj






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23 JUL 2018 AT 10:18

जिस चीज़ को प्यार किया उसी को तबाह किया,
फिर एक दिन उसी के लिए रोये तमाशा सारे आम किया,
उन खेतों को हटा कर घर बना लिया हमने,
अब उन्हीं खेतों को पाना चाहते हैं,
पहाड़ो को तोड़कर इमारतें बना ली हमने,
अब उन्हीं पहाड़ों में जाने के सपने सजाते है,
नदियों को बर्बाद करते जरा सी शर्म नहीं आती हमें,
लेकिन पाप धोने हम उन्हीं नदियों के पास जाते हैं,
पेड़ काटते हुए हाथ नहीं काँपते हमारे,
पर जब हवा नहीं मिलती कंठ सुख जाते है,
जिसे इतना चाहते है हम उसे इतना क्यों तड़पाते हैं,
क्यों उसके लिए जरा नहीं सोचते,
बस अपना ही स्वार्थ क्यों साधते है...

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10 OCT 2022 AT 18:53

धरती

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1 SEP 2019 AT 17:40


दरख़्तों को काट कर अपना घर बना लिया तुमने
हरे भरे जंगल को उजड़ा मंज़र बना दिया तुमने
जिस ज़िन्दगी के लिए तुम कर रहे हो ये सब
उसी को ख़त्म करने का मन बना लिया तुमने।।

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30 AUG 2018 AT 11:29

सूनी सुनी इस धरती पे रंग तो ऐसा लगाओ
हरियाली की बिखरी चादर पर्यावरण बचाओ
पर्यावरण अनमोल हमारा इसको स्वच्छ बनाओ.

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8 JUL 2021 AT 12:32

हम अपने आप को परिस्थितियो से बाँध लेते हे और जीवन पर्यत उसमें से बहार निकलने का प्रयास करते रहते हे..! इस दौर मे हम कइ वस्तुओं का निर्माण करते हे, और फ़िर उसमे इतने उलझ जाते हे की सुंदर सृष्टि का विनाश आरंभ करते हे..!

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