मैं तुझे भूल गया...
ये तेरी सबसे बड़ी भूल है...
मेरे किताबों के फूल...
हमारे प्यार के सबूत हैं...
बरकरार इन आंँखों में...
तेरे झूठे इश्क का फितूर है...
एक तरफा हुआ तो क्या हुआ...
ये इश्क मुझे कबूल है...
ये इश्क मुझे कबूल है...-
तुम्हारे जवाब का...
इंतजार रहेगा मुझको...
जरूरी नहीं ना...
कि तुम भी करो...
एक तरफा ही सही...
पर तुमसे प्यार रहेगा मुझको...-
लहरें टकरा रही हो जैसे शांत नदी के तट पर
कलम स्याही बिखेर रही थी कागज से लिपट कर
नज़ारा कुछ ऎसा रहा था इस साल इम्तिहान मे,
जेसे कोई राधा पानी भर रही हो पनघट पर,
सारे उलझे पड़े थे सवालों से समय की मोहलत पर,
ऐसे में एक पन्ना जा उड़ा उफ्फ ये कैसी उल्फत पर,
अभी तो सिर्फ बेठे थे पहले सवाल से निपटकर,
नजरे कहा चली गई उनके माथे की सिलवट पर।
जैसे गुलिस्ताँ खिल गया हो गुलाब की आहट पर,
सवाल को तो देखा ही नहीं वापिस फिर पलटकर,
जैसे बारिश दस्तक दे रही हो दिल के द्वारपठ पर,
जेसे दिल्लगी करके दिल बैठ गया था हठ पर,
चाँद चाँद से उतर आया हो जेसे कोई बगावत पर,
जिंदगी हमे दिखी तो दिखी दुनिया की कयामत पर,
कलम हाथ से गिर पडी उनकी एक मुस्कराहट पर।
स्याही तो गिरी हमपर पर दाग रह गया लिखावट पर।।-
ये जो मेरा....
एकतरफा प्यार है...
तुम्हें हो या ना हो...
मुझे बेशुमार है...-
एक " आखरी मुलाकात " का हक तो मेरा भी है
यूं " तुम्हारा फैसला " हमारे लिए
मुझे मंजूर नहीं-
आज फिर से ईस दिल को तेरी याद बहुत आई
शायद कोई कमी रह गई होगी हम मे..
इसीलिए तु हमारी ना हो पाई ..💔-
किसी ने ठीक ही कहॉ है..
मौत तो यूं ही बदनाम है.
तकलिफं तो जिंदगी देती है.😫-
Mohabbat ho gayi thi dono ko
Ek Arsa ho gya,
Kuch Dino tak mujhme tha vo khoya
Ab kisi or me kho gya-
वो नेक थे..
तभी शायद तुम एक थें.."
हम गलत थें..
तभी शायद हम अलग थें..!!-