उस वक़्त महफ़िल में मेरा नाम सरेआम हो गया ,
#DT तू सही था , जिंदगी में मैंने जब-जब सच बोला ,
तब-तब बदनाम हो गया ।-
चुराने को तो वो दिल भी चुरा सकते हे मेरा,
पर उन्हें नजरे चुराने से फुर्सत कहा।-
ठोकर इसलिए नहीं लगती के इंसान गिर जाए....
बल्कि ठोकर इसलिए लगते है कि इंसान संभल जाए.-
ये मुलाक़ातों के सिलसिले जो कल ख्वाबों में चल रही थी
बारिश थी, उसके भीगे ज़ुल्फ, वो इश्क-ए-मेहताब लग रही थी।-
ऐ फलक के चाँद ज़रा कुछ देर ठहर के जाना
अभी एक चाँद मेरी बाहों में सिमटा हुआ है।-
जो रखते हैं हुनर मुझे तराशने का
उन्हें लिख दूं इन चंद शब्दों में
ये मेरी औकात कहां।-
वो रेत की चादर ओढ़ मिट्टी से कुछ इस कदर लिपट जाता है
सरहद पे मेरा वीर,वतन से इश्क कुछ इस कदर लिख जाता है।-
Thana thana chod kr babu khaao khana
My banana is my banana none of your bnana-
पुछ बैठा हमसे कोई ये सवाल कि मोहब्बत क्या है?
हमने भी कहा , कभी आपने उन्हें हिजाब में देखा है?-
आज फिर वक्त ने रंजिश की है
आज फिर तेरा दीद हुआ
तु मेरे सामने बैठी है
आज फिर दिल कर रहा
तेरी ज़ुल्फों से खेलने को
आज फिर दिल कर रहा
तेरी निगाहें पढ़ने को
तेरे रुखसार पे पड़े गुल की
तारीफ़ करने को..
याद है वो दिन जब
तुम मेरे सामने बैठी थी
तुम्हारी मासूम निगाहों ने
मेरी निगाहों में चल रही
खुराफात ख्वाहिशों को पढ़ लिया था
और जो गुस्ताखी हमारी होंठों ने की थी
आज फिर दिल कर रहा
वो गुस्ताखी करने को।-