Ghar bech kar kab tak gareeb biyaahe ga betiyan
Kab tak ye jaheez yunhi khaye ga betiyan
Aesa hi chalan samaaj me raha to ek din
Phir se baap zinda dafnayega betiyan..-
दहेज़ प्रथा
कैसी रीत है आखिर ये किसने हैं बनाई
रिश्ते तोल कर लालच मे
मेरी ज़िन्दगी की थी जो कीमत लगाई
ये बेडिया मेरे पांव से आखिर कब काटी जाएंगी
दहेज़ की आग में ना जाने कब तक जलती मुझ जैसी ओर आएंगी
कभी लूटा गया है मुझे नजरो से
कभी मुझे संस्कारों में है बांध दिया
दुर्गा काली कहा लेकिन कहा ऐसे स्वीकार किया
ये वो जगह है ना शायद जहा नारी पुजी जाती है
पार्वती अनपुर्णा सी संस्कारों से सिंची जाती है
मैने भी मा बेटी बनकर अपने सारे फर्ज़ निभाए है
बहू पत्नी बनकर फिर भी कितने ताने काहे है
जब जब मैने अपने लिए आवाज है उठाई
निर्बल है तू नारी है सबने यही सीख सिखाई
ना बनाओ मुझे निर्बल अब मुझमें तुम बल भरो
दहेज़ प्रथा की आग से मुझे आज़ाद करो
बेटियों को ज़िंदगी बचाने की तुम आवाज़ भरो
दहेज़ प्रथा से मुझे आजाद करो-
स्त्री बिके तो वेश्या और पुरुष बिके तो दूल्हा ,
वाह रे समाज, धिक्कार है ऐसे समाज पर I
#boycottdowrysystem
#dowryfreeindia
#boycottdowry-
Ghar bech kar uss baap ne beti ke liye
Naya saaman khareeda hai
Sahab gareeb hai wo bahut magar ladke ka pura khandan khareeda hai
Bade fakhr se aaya hai wo baarat lekr apni
Uss besharm ne ladki se nahi naye saaman se rishta joda hai-
बस कन्या दान ही एकमात्र ऐसा दान हैं
जिसमें दिल का टुकड़ा और धन देकर
पुर्ण करना पड़ता है...... ?
बेटियों को आत्मनिर्भर बनाएं..
🙏-
आज मेरी गुड़िया रानी बनने जा रही थी किसी की बहू रानी
वो पिया संग जा रही थी, नए सपने सजा रही थी
और मुझे दहेज में कोई कमी ना रह जाए ये चिंता सता रही थी
सारी ज़िन्दगी की कमाई लगा दी इस दिन को ख़ास बनाने में
फिर भी लोगों ने बहाना ढूंढ़ ही लिया मुझे नीचा दिखाने में
मैं अपने जिगर का टुकड़ा सौंप रहा था
फिर भी हर कोई मुझसे शगुन की कीमत पूछ रहा था
कहीं कोई कमी ना रह जाए ये सोच कई हफ्तों से नींद गवां रहा था
बेटी को विदा करते वक्त ना जाने क्यों मन घबरा रहा था
बिटिया की शादी की खुशी दहेज़ के बोझ तले दब गई
मुझे परेशान देख बेटी की प्यारी सी मुस्कान ना जाने कहां छीप गई
_Payal yadav (Pihu)
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باپ بوجھ ڈھوتا تھا کیا جہیز دے پاتا
اسلئے اک شہزادی آج بھی کنواری ہے..— % &-
కూతుళ్ళ కోసం కష్టపడి మరి
లక్షలు పోగు చేసి పెళ్లి చేయాలని ఆలోచిస్తారు.... అదే కొడుక్కు కష్టం లేని ఆస్తినంత అంట బెట్టి ..... మళ్ళీ ఆ చిల్లర కట్నం కోసం బేరాలాడుతు
ఆశ పడతారు....
అదే ఇద్దరు ఒక్కటేనని భావిస్తే
కట్నం ఇవ్వాల్సిన పుచ్చుకోవాలిసిన
అవసరముండదని ఇంకెప్పుడు గుర్తిస్తారో-
तुम्हें अपना वंश बढ़ाने के लिए लड़की चाहिए,
तो दहेज लड़की को देना चाहिए या लड़के को?-