अंतराल~
जब से तुम गए हो
शब्द खो से गए है,
ये कलम आज भी उसी पन्ने पे ठहरी है
जहां ठहर गया था समय
और समय के साथ तुम ठहर गए थे,
फिर से मिलने के लिए
एक अंतराल के बाद;
वो अंतराल आ कर चला गया,
पर ना तो वो समय वापस आया
और ना ही तुम्हारे आने की आहट,
मैं आज भी जी रही हूँ
उसी अंतराल में।
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13 SEP 2022 AT 14:48
3 JUL 2021 AT 15:44
क्या तेरी मेरी बातें।
अब मैं करूं।।
क्यूं आँखें मैं बेवजह ही भरूं ।
जाने क्यों ये रिश्ते जो थे खत्म हो गए ।।-
23 SEP 2022 AT 21:40
जो छोड़कर चले जाते हैं,
वो याद हमें बहुत आते हैं।
कारण कुछ भी हो,
लेकिन अनुपस्थितियों का यह अंतराल,
हमें बहुत तड़पाता है।
दिल पर लिये यादों का बोझ,
हम जिये जा रहे हैं।
लबों पर देख कृत्रिम मुस्कान,
हम हैं खुश,सब रहे थे यह मान,
अंदर है छिपा कितना गम,
कोई न सका यह जान।-