*कुछ लोग "चश्मे के नंम्बर" जैसे होते हैं*,
*वक़्त गुजरते ही "नजदीक" से "दिखने बंद" हो जाते हैं*!-
14 OCT 2020 AT 10:41
3 FEB 2022 AT 9:11
उसके चश्मे पे थोड़े
जाग क्या लगे
उसे हमारी सारी अच्छाइयाँ
दिखनी बंध हो गयी...— % &-
*कुछ लोग "चश्मे के नंम्बर" जैसे होते हैं*,
*वक़्त गुजरते ही "नजदीक" से "दिखने बंद" हो जाते हैं*!-
उसके चश्मे पे थोड़े
जाग क्या लगे
उसे हमारी सारी अच्छाइयाँ
दिखनी बंध हो गयी...— % &-