QUOTES ON #DEVDAS

#devdas quotes

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4 APR 2020 AT 8:33

Devdas

फरेब है लकीरें मेरे हाथ की,मगर तू बेवफा तो नहीं,
मेरे जिस्म का हिस्सा किसी और वहशत का भुका तो नहीं।
अपने दिए हुए ज़ख्म पर मरहम लगा के कहते हो
संभल जाएगा तू फिर एक बार,आदतन ये इतना बुरा तो नहीं।
की रात होने को है चल अपने घर को चलते है
यकीनन तेरे ही ख्वाब देखेंगे,आएगी नींद बेवजह तो नहीं।
तू तसल्ली रख तेरे सच और झूट मुझ तक ही है,
राज ख़तम होंगे राख पर मेरी,बशर्ते अभी मै मरा तो नहीं।


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26 JUN 2022 AT 22:42

छोड़ गया वो इस कदर कि
कुछ भी अब रास ना आ रहा😢
लगती थी चाय☕ जो प्यारी
उसमे भी अब स्वाद ना आ रहा😢
एक वक्त था कि अदरक की,
खुशबू से ही चाय की तलब लगती थी😋
लेकिन उदास सी प्रिय "तानी" 😒
तुझे तो देवदास की तरह नशा🍻,
करने में भी अब मज़ा ना आ रहा🤭🤭
@tani

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मैं रख लूँ दिल में चाहे कितनें भी ख्याल
लेकिन रह जाता है फिर भी एक मलाल
इतनी शिद्दत से चाहा मैंने बहुत लोगों को
पर हर शख्स किसी और का है फिलहाल

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10 OCT 2020 AT 14:50

मेरे जिंदगी के बैसाख में सावन तो आता है
पर मोहब्बत का जुगनू भीगकर मर जाता है

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11 OCT 2020 AT 10:55

मानते हैं कि मोहब्बत नेक होनी चाहिये
पर आदतें कतई मैंगो शेक होनी चाहिए

इस झूटी शर्म की चादर को उतार कर
बातें बिल्कुल दिल फेंक होनी चाहिए

रूहानी अंदाज जरूरी है मोहब्बत में
मगर कभी तो ये रातें एक होनी चाहिए

और बहते जज्बातों के उतार चढ़ाव मैं
मन की तासीर मिल्क केक होनी चाहिए

हमारे ज्ञान के चक्क्षु खुले किसी दिन
फिर उनमें कलाएँ अनेक होनी चाहिए

"कपिल" तलाशी बदन की हो तो फिर
वो ऊपर से नीचे तक चैक होनी चाहिए

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आज कल दिल में बेइंतहा दर्द है
इसलिए लबों पर जाम रखता हूँ
पहचान ना ले कोई सरीफाई हमारी
इसलिए चेहरे पर मुस्कान रखता हूँ

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यार ! बेकाबू है तेरी यादें वरना इनको
मैं किसी गहरे तयखाने में छोड़ आता
चाय की टपरी पड़ती है बीच में वरना
मैं, अपने गम मयखाने में छोड़ आता

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एक एक पन्ने का ज्ञान लाखो का है
तुम मेरी सबसे कीमती किताब हो
और सफलताओं से भरी इस दुनिया में
तुम मेरा सबसे बेशकीमती खिताब हो

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बड़े मुश्किलों में ये दिन कट रहे हैं
मुझे अपना कहने वाले बंट रहे हैं

अब दिखावे का रंगमंच टूटा है तो
मेरी मोहब्बत के बादल घट रहे हैं

झूठे अपनेपन की दीवार टूटी तो
लोगो के मुँह से नकाब हट रहे हैं

जब से रोशनी की चादर ओढ़ी हैं
सारे अंधेरों के शैलाब छंट रहे हैं

जब कुछ जख़्म नासूर बन गए तो
हाकिम भी इलाज से पलट रहे हैं

मुझको काबिल-ए-तारीफ होना है
ये समाज के ताने गले लिपट रहे हैं

खैर वाकिफ-ए-तकलीफ हुआ तो
ये हालात खुद-ब-खुद निपट रहे हैं

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30 OCT 2020 AT 10:17

मेरी नजरों मैं आप सबसे खूबसूरत है
मगर याद रखना आप मेरी जरूरत है

हमको तुम्हारी सादगी से मोहब्बत है
तो सजने संवरने की क्या जरूरत है

मोहब्बत में शिकायतें भी लाजमी है
मगर यूँ रूठ जाने की क्या जरूरत है

जब तुम्हारी आँखों का कहर जारी है
तो काजल लगाने की क्या जरूरत है

रूखापन है तुम्हारे स्वभाव में तो रखो
ये मख्खन लगाने की क्या जरुरत है

'कपिल' तुम हमारे हो हमारे ही रहना
अब तू ही मेरी गंगा तू ही मेरा तीर्थ है

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