चलो ...जो हुआ दरगुज़र करते है
थोड़ी पहल तुम कर लो थोड़ी हम कर लेते हैं
जो हुआ ज़हन से उतार दें
बन जायें फिर से अजनबी
आओ इक आग़ाज़ नयी दोस्ती का कर लेते हैं
थोड़ा तुम मुस्करा दो वहाँ थोड़ा हम भी यहाँ मुस्करा लेते हैं
अभी चलो सुलह कर लेते हैं
कुछ नग़मे केसरिया मोहब्बत तुम सुनाना कुछ क़सीदे
हरे मोहब्बत के हम पढ़ लेगें .......
चलो आओ गीता क़ुरान को एक कर लेगें......
जो हुआ दरगुज़र कर लेते हैं
नन्दिनीप्रिया
07.09.2017
2:45 pm
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आवारगी होती तो कभी का दर-गुजर कर चुका होता तुझको,
बदनसीबी मेरी, ''मुहब्बत है''। इसलिए ख़ामोश बैठा हूँ।।।-
Darguzar karta hoon mai teri shikayat ko
Darguzar karta hoon mai teri shikayat ko
Warna zindagi me kayee toofaan aate
Warna zindagi me kayee toofaan aate ✍️✍️✍️✍️✍️-
है तुमसे ग़ुज़ारिश, जो बुरा न मान जाओ तुम तो,
रौशनदान थोड़ा सा खोल दो तुम, सुकून मिलेगा,
मैं भी खिड़कियाँ खोल देती हूँ, घुटन कम होगी,
जो अब तक सिर्फ़ और सिर्फ़ मन में, रखे थे हम,
कह सुन देते हैं आज, रौशनदान और खिड़की से,
आसमान और हवा को दरम्याँ रख,सब दरगुज़र करते हैं,
अब कभी न बंद करेंगें इन्हें हम,आओ सुलह कर लेते हैं।-
محبت میں خطائیں تو ہو ہی جاتی ہے
محبتوں کا تقاضا ہے درگزر کرنا
Mohabbat me khtayen to hi jati hai,
Mohabbaton ka taqaza hai darguzar kerna.
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در گزر کر غم کو، یہ روٹھنا کیا ہے
جانے والے تو گئے، اب يوں ٹوٹنا کیا ہے
Dar guzar kar gham ko, ye roothna kya hai.
Jaane wale toh gaye, ab yun tootna kya hai.-
खुदा भी मेहरबान है तेरी इन दुआओं पर
बड़ी रहमत है तेरी इन दुआओं में
इतनी शिद्दत से जो फरियाद की है तुमने
वो सब कुबूल कर ली है खुदा की इन हवाओं ने !!-
तुम मुस्कान होते तो हर रोज इन होठों पे नाचते ,
पर बदकिस्मती तो देखो तुम आंसू हो,
जो मेरी आँखों से ही कभी दूर नहीं होता !!!-
करम कर कुछ तो दिखा
मेरी दुआओं का असर
शाम की तरह से ढल जाये
ज़माने से क़हर-
Bakhshta hai wo har pal meri khataon ko
Darguzar karna koi mere rab se sikhe-