यह कहानियाँ किस्से झूठ के पुलंदे हुईं
औरों की तो तू बात ना कर
तू तेरे दिल की स्याह रात की और देख
न जाने कितनी ख़्वाहिशें ज़िंदगियाँ बर्बाद हुईं
इक दफ़ा मौन कर देख ख़ुद को
शायद असली मुल्ज़िम मिल जाये तुझ को
नफ़रत से नहीं मोहब्बत से समझा देना फिर
शायद ख़ुद से तेरी मुलाक़ात हो जाये और
ख़ुदा ही मिल जाये तुझ को ••••• नन्दिनीप्रिया
09.02.2025
10:45 pm
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यह जो शब-ए-तन्हाई है
सहर को कहीं पीछे छोड़ आई है
दिल की क्या बात करूँ रूह तक घायल कर आई है •••
नन्दिनीप्रिया
02.02.2025
8:08 pm
Priyanka Muthreja-
काश
मेरे शब्द मेरे एहसास मेरे ख़्याल
इक आखरी बार फिर से ज़िन्दा हो जाएं
नन्दिनीप्रिया
14.01.2025
12:30 am
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कुछ कहा कुछ अनकहा सा
दरमियाँ जो भी रहा
वक़्त की बहाव में सब बह गया
बस इक एहसास इक पहला सा
कभी हँसा जाता कभी रुला जाता
अब ….. भूले जिसे ज़माना हो गया
लेकिन हाँ कभी कभार याद आ ही जाता है
मानो नींद में दिखा कोई ख़्वाब जिसका कोई वजूद तक नहीं होता..
नन्दिनीप्रिया
03.10.2022
7:07 pm-
कौन हिसाब करे
मेरे हर लम्हें इन्तज़ार का
तेरी याद में गुज़रे हर अश्क बूँद का
मेरे कफ़न पे उम्मीदों की सिलवटों का …. नन्दिनीप्रिया
08.05.2022
10:10 pm
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दिल टूटने का आलम भी क्या
ज़ख़्म तो अश्क ने छूआ है
दिल तो बेख़बर इस बात से
जिस्म को नहीं,टुकड़ों ने रूह को छिला है
नन्दिनीप्रिया
25 04 2022
11:11 pm-
कुछ तो रहने दे दरमियाँ
कि लौट आने की उम्मीद तो बनी रहे
यूँ न हो
याद तुझे तो मैं रह जाऊँ और तुझे भूल जाऊँ मैं ...
नन्दिनीप्रिया
4.12.2021
9:55 pm
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चलो बात को यहीं ख़त्म कर देते हैं
ख़्वाब को ख़्वाब रहने देंगे
गर सामना हो भी जाए हक़ीक़त से
ख़्वाब को ही सच मान लेगें !
नन्दिनीप्रिया
08.11.2021
8:08 pm
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पन्ने ज़िंदगी के पलटते पलटते
इक टुकड़ा याद का चुभ गया
याद जो याद न थी आज याद आया
इक बूँद अश्क जिसे राह मिली न थी
आज बहकर मंज़िल पा गया !
दर्द हुआ पर इक सुकून भी था
कि आज माज़ी से रिहा हो गया !
नंदिनिप्रिया
24.10.2021
8:33 pm-