🌷*🏚️आज तो घर के बंद दरवाजे भी बोल पड़े 🏚️*🌷,
आखिर मुझे खोलकर ,मुझे ही क्यों बदनाम करते हो,
अपने साथ साथ आखिर दूसरो की भी ज़िन्दगी क्यों बर्बाद करते हो!!
अरे मत खोलो मुझे,बाहर सिर्फ मुझे ही रहने दो,
बस विनती है हमारी,हाथ धो के घर में पड़े रहो!!
सब कुछ जानते हुए भी तुम क्यों अनजान बनते हो,
इंसान हो इंसानियत को समझो क्यों हैवान बनते हो!!
वक्त मिलेगा, जब तुम मुझे बाहर से बंद कर जाओगे
पर याद रखो ये कहर है ,इसे घर में ही रहकर मिटा पाओगे!!
मुझे खोलकर जाओगे ,मेरा क्या लेकर जाओगे,
पर क्या तुम्हे लगता है ,की मुझे बंद करने आ पाओगे!!
वक्त है संभल जाओ, सृष्टि का उद्धार करो,
हे मानव! उम्मीदें तुमसे ही है अपना ही ना विनाश करो!!
ये देश तुम्हारा है,इसको सुरक्षित रखकर नेक काम करो,
बहुत कर लिए, पर अब मुझे ना बदनाम करो!!
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