तेरा वैभव अमर रहे माँ !
हम दिन चार रहें न रहें-
कितनी विशाल होती होगी
न वो गोद, जिसमे छोटे
बच्चे समेत शहीद भी खेलते हैं।-
"फिर से कदम मंजिल की ओर"
बढ़ाए हैं जो तुमने फिर से कदम मंजिल की ओर
मुड़कर पीछे तुमको किसी भी हाल में अब हारना नहीं है
चाहे मिटा दो खुद को देश की शहादत में तुम
उन दहशतगर्द के आगे अब तुमको झुकना नहीं है
अपनी मातृभूमि की गोद पर, कुर्बान कर दो खुद को
हमने पिया है दूध शेरनी का,चंद हैवानों से तुम्हें डरना नहीं है
बांध लिया है जो अब तुमने अपने सर पर कफन
चलो हिम्मत बढ़ाओ ,अब तुमको पीछे मुड़ना नहीं है-
सपनों का भारत
स्वप्न स्वप्न स्वप्न
जागृत अवस्था का स्वप्न
होश पूर्ण स्वप्न
स्वप्न देता स्वरूप संकल्प को
संकल्प संकल्प दृढ़ संकल्प को
संकल्प से ही होता है सृजन
विधायक सृजन-
केसरिया माँ तेरी कुर्ती
सादा तेरा मन
हरी चुनरी ओढ़े माँ मेरी
माँ तुझे शत शत नमन ! 🙏
जय हिंद
भारत माता की जय !
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हाँ वो वहीं माँ भारती के वीर लाल है...
धैर्य, समर्पण और संघर्ष जिनका श्रृंगार है...
देश की माटी ही हुआ करता उनका सुहाग है...
साहस वीरता और द्ढंसंकल्प से होती उसकी पहचान है...
दुश्मनों के सीने में तिरंगा धसाकर हो गया जो आज शहीद वो जवान है...
बस तिरंगे से लिपटने का जिनका अंतिम ख़्वाब है...
सरहद पर लड़ते लड़ते इसलिए ही वो क़ुर्बान है...
मातृभूमि को भी अपने उन वीर सपूतों पर अभिमान हैं...
सैनिकों की शौर्यगाथा लिखकर कलम को मेरी नाज़ है...
हाँ वो वहीं माँ भारती के वीर लाल है...
वो वहीं माँ भारती के वीर लाल है....
जय हिंद🇮🇳
✨🖤✨
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करता हूं भारत की पावन
धरती का उद्घोष अखण्ड
ऐ वीर पुत्रों की जननी तुमको
मेरा है शत् शत् नमन..
गंगा जमुना को तुमने पाला
करता हूं तेरा अभिनंदन
इस पुण्य धरा का आह्वान
करता है यह तुच्छ इंसान...
ऐ मेरी निष्पक्ष धरा
करता हूं तेरा अभिनंदन
तुमने अपना बलिदान दिया
हमको प्रदान की जल जीवन..
महाकाव्य भी करता वर्णन
तेरे उत्कृष्ट ममता का
ऐ हितकारी धरती माता
करता हूं तेरा अभिनंदन..-