QUOTES ON #AWADHESH

#awadhesh quotes

Trending | Latest
5 AUG 2020 AT 8:21

Aaj mahotsav hai Awadh me mere Prabhu Shri Ram ka🚩🚩🚩...
Sundarta hai chalo dekhte Ayodhya nagri dham ka🚩🚩🚩..
Jai Shree Raghunandan...

-


12 MAR 2020 AT 13:10

ग़ज़ल
अहसास पर्वत के ।

नदी छूकर निकलती है कभी अहसास पर्वत के ।
गली से वो गुजरती है बने किस्से मुहब्बत के ।
कभी होंगे यहाँ सच भी दिखे जो ख्वाब रातों में,
खुदा पूरे करेगा जो पले अरमान चाहत के ।
वही बदमाश जो करते यहाँ पर खूब बदमाशी,
दिखे वो आज सड़कों पर बने पुतले शराफत के ।
बनाया था कभी जिनको बहुत ही खास हमराही,
वही तो अब बजाते हैं बिगुल तगड़ी बगावत के ।
कभी ईमानदारी की नहीं उम्मीद यहाँ रखना,
किसे दें दोष अब दस्तूर बदले सब सियासत के ।
नहीं कुछ पास इनके जेब भी खाली मकाँ कच्चे,
गरीबों के इरादे हैं बड़ी ऊंची इमारत के ।
किसानों की मुसीबत का नहीं अंदाज़ है तुमको,
हुई बारिश गिरे ओले सुनो ये दर्द आफत के ।
यहाँ कुछ भी करो तुम झूठ या सच के सहारे से,
सभी को मानना है फैसले उसकी अदालत के ।
अवधेश awadhesh
12032020

-


26 FEB 2020 AT 7:38

#haiku #हाइकु

कैद ये तोता
पिंजरे में खुश है
तू क्यों है रोता

#अवधेश #awadhesh
26022020

-


8 MAR 2020 AT 8:55

मुक्तक

कभी माता कभी बहना कभी बेटी कभी दादी ।
कभी ताई कभी चाची कभी मामी कभी नानी ।
कभी मौसी कभी फूफी कभी भाभी कभी पत्नी ।
यही देवी महाकाली, महासरस्वती, महालक्ष्मी ।

#अवधेश #awadhesh

-


6 MAR 2020 AT 11:55

मुक्तक

रूह को झाँक कर, देखना भी कभी ।
जो मिले सौंप देना, खुदा को सभी ।
रुख न तुम मोड़ना, आस मत छोड़ना,
चाहते हो मिलेगा, यहीं पर अभी ।

#अवधेश #awadhesh

-


6 MAR 2020 AT 7:07


#ग़ज़ल #gazal #शायरी #shayri

#परम्परा एक डाल देंगे ।

परंपरा एक डाल देंगे ।
इनाम हर एक साल देंगे ।

टपक न जाएं कहीं ये मोती,
सहेजने को रुमाल देंगे ।

करम नहीं हों खराब तो फिर,
कभी नहीं ये मलाल देंगे ।

गिरी कभी गेंद जो यहाँ पर,
तुरन्त ही हम उछाल देंगे ।

शहीद होकर दिखाते उनकी,
"युगों युगों तक मिसाल देंगे ।"

जवाब जिनके नहीं किसी पर,
जवान ऐसे सवाल देंगे ।

शहीद की याद में जलेगी,
समाधि पर जो मशाल देंगे ।

#अवधेश #awadhesh
06032020

-


1 MAR 2020 AT 8:43

#awadhesh #अवधेश की #ग़ज़ल #gazal

न वो मौसम हवाओं के ।

न खिलते फूल बागों में न मौसम वो हवाओं के,
कभी जो दिन यहाँ थे वो कहाँ हैं अब बहारों के ।
तटों की रेत पर जैसे लिखा था वो मिटा डाला,
भुला डाले किये थे जो कभी वादे वफ़ाओं के ।
जरूरत है तभी उनका हमें अब साथ चाहिये,
चला करते कभी हम थे बिना उनके सहारों के ।
हंसो तो फूल झरते हैं, लटें क्या खूब लगती हैं,
"दिवाने हो गए हम भी तुम्हारी इन अदाओं के ।"
दुखों के बाद आते हैं सुखों के पल यहाँ साथी,
नदी की धार क्या जाने दुखों को इन किनारों के ।
शराफत का तकाजा है यहां बदमाश को छोड़ो,
लगे हैं दाग पक्के आज बस्ती में शरीफों के ।
किसी का घर जला घर का दिया भी तो बुझा डाला,
तुम्हारा फायदा इस में लुटे अरमां गरीबों के ।
खुदा को मानते हो तो न मानो और बातों को,
खुदा की बस इवादत हो न जाओ दर मजारों के ।
#अवधेश #awadhesh
01032020

-


7 MAR 2020 AT 7:32

#मुक्तक- #muktak

समझदारी इसी में है कि उस गुलजान को छोड़ूँ ।
मुझे जिसने दिया ऐसा सिला रिश्ता वही तोड़ूँ ।
वफ़ा की बात की थी बेवफा ने खूब हंस-हंस कर,
उसी के घर तरफ की राह से मैं आज रुख मोडूँ ।

#अवधेश #awadhesh
07032020

-


4 MAR 2020 AT 14:37

मौसम सुहाना याद है ।

उस प्यार की बरसात का, मौसम सुहाना याद है ।
उनसे मिले बिछड़े कभी, किस्सा पुराना याद है ।

वादे किए थे वो सभी, तोड़े हमें दुख भी दिया,
उनका हमें यूँ खून के, आंसू रुलाना याद है ।

बागों बहारों में कभी, मिल कर हमारा घूमना,
सावन महीने में उसे, झूला झुलाना याद है ।

दीदार जो उनका हुआ, बेचैन फिर हम हो गए,
उनका हमारी रात की, नींदें चुराना याद है ।

भूली न जाती बात वो, भूली न जाती रात वो,
उनका हमें वो बोलना, गोदी सुलाना याद है ।
#अवधेश #awadhesh
04032020

-


1 MAR 2020 AT 8:00

दुखों के बाद आते हैं सुखों के पल यहाँ साथी,
नदी की धार क्या जाने दुखों को इन किनारों के ।

-