न जाने फिर ये ज़िंदगी
मिले न दोबारा।।।।-
ये आँखें नीन्द की तलबगार हैं
पलकें तो झपकते भी कई बार हैं
मगर हम सोये तो सोये कैसे
पलकें बन्द होते ही हो जाते उनके दीदार हैं।।।।।-
न जाने कैसा दौर आ गया है
इंसान की तक़द्दुस को तशद्दुद किया जा रहा है।।।-
ये जो तेरे हाथों पे चढ़ा मेरे प्यार का रंग है
दुनिया का हर रंग इसके आगे बदरंग है।।।।।।
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एक दिन मैं कढ़ी चावल खा रहा था
अचानक उसमें एक मक्खी आकर बैठ गई
तो मैने उससे कहा कि
ऐ मासुम परी जा उड़ जा ये वो नहीं जो तू समझ रही है😀😁😁😂🤣🤣😀😁😂🤣😀😁😂🤣😀-
mera pyar abhi baki hai
samjh lena ise ye bhi ik saaqi hai
zyada pilayenge to hosh ud jayenge
kum pilayenge
to aap hosh me ghar ko ayenge...
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अब और कितना तड़पाने का इरादा है
अब और कितना तड़पाने का इरादा है
कुसूर क्या है ?
कि मुझे तुमसे मुहब्बत हुई
तुमसे थोड़ी ज्यादा है।।।।।।।।।।-
हमने सोच लिआ था
न करेंगे नशा, कोई तेरे सिवा
पर अब आदत सी हो जाएगी
हर नशे की
बस न होगा
उस नशे मे नशा तेरे सिवा।।।
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तुझे सोचता हूं मैं शाम-ओ-सुबह
कि मुझे मेरा cigrett भी आजकल याद नहीं रहता।।।।........-