हर पल घटता झीना झरना सम, जीवन जल है,
रह रह रूमानी अनामिका हृदय विकल विह्लल है,
सरल सोम्य सहज सजग सतपथ लो अपना,
सत्य सद्भाव से सदा संवरता सफल सुफल है!
उन्मत्त ऊर्जस्वित ऊर्जा उर, उम्र कुछ पल है,
क्यों रक्तचाप रक्तधमनियां रहती प्रबल हैं!
क्षमा क्षय क्षरण क्षितिज, विकट विकल है,
हर्ष हार्दिक, हंसी से हद हासिल हर हल है!
आदम अदम अद्भुत अनामिका आम आदमी,
हृदय हिय हित स्थित स्नेह अचल अटल है!
प्रेममय पाश पुष्प पलाश नीलम हृदय तल है,
नदी नहर नर्मदा निर्मल निश्चित निश्च्छल है!
वाह विकल विशाल वह विरह वेदना से विमल है,
प्रिय प्रेयसी प्रेषित प्रीत प्रेम अति विशिष्ट पल है!-
बहुत सी गलतियां हुई
जिंदगी में
लेकिन
जो गलतियां लोगों को
पहचाने में हुई
उनका
नुक्सान सबसे जादा हुआ है-
जाती,धर्म, मजहब,
चाहे जो भी हो
अच्छे इंसान बनो👍👌
हिसाब हमारे कर्म का होगा
धर्म का नहीँ👍
👌बोल संकर भगवान की👌
।।।जय।।।-
तेरे आने से थोड़ी खुश रहने लगी हूँ मैं
तेरे बातो पर हँसने लगी हूँ मैं
तेरे ना को भी हा समझने लगी हूँ मैं
जब मुझे जरुरत थी एक साहारे की तुम
आये मेरी ज़िन्दगी मे ,बस इतना सा सोच के तुम पर फिदा होने लगी हुँ मैं
तेरे आने से फिर से ख्वाब बुनने लगी हुँ मैं
क्योंकि तेरे आने से खुश रहने लगी हूँ
बातो बातो मे तुम रूठते हो मुझसे
अब तुमको मनाने की जरूरत समझने लगी हूँ मैं, दोस्त भी ज्यादा कुछ बनने लगी हूँ मैं
क्योंकि हँसने लगी हूँ मैं
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Ajab h dastaan mere sheher ki
Yaaru ka mujko bharam nahi
Chalai baiwafa jo yaha sarai aam
MGr hamare yaha yai dharam nahi-