क्यों मेरे आँखों के जरिए
मेरे दिल मे उतरना चाहते हो।
हमें मोहब्बत पसंद नही और
आप हमसे मोहब्बत करना चाहते हो।
नादान ही हो सच मे
जो मेरे लिए अपनी जिंदगी खराब करना
चाहते हो।
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लकीरें मेरे भी हाथों में थी उसके नाम की मगर
वो "बहुत छोटी" हैं...
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ये बात मैंने ग़ौर नहीं किया...!-
तुम घाट बनारस बनो कभी, मैं गंगा जल बन जाऊंगी
फिर बार-बार हिलकोरें बन तेरे क़दमों को छू आऊंगी,
तुम काशी के शिव बनो कभी, मैं नंदी तेरी बन जाऊंगी
कोई कानों में कुछ मांगे तो उसे तुम तक मैं पहुंचाऊंगी,
तुम बनो बीएचयू गेट कभी, मैं लंका तेरी बन जाऊंगी
तुम पहलवान लस्सी बनना मैं पान गिलोरी होऊंगी,
तुम बनो वाटिका काशी की, मैं उनमें पुष्प बन जाऊंगी
तेरे प्रेम की सौंधी ख़ुशबू को अपने अंदर महकाऊंगी,
तुम शहर बनारस हो जाना, मैं इश्क़ तेरा बन जाऊंगी
तुम शाम कहो यदि कभी कहीं मैं सुबह-ए-बनारस लाऊंगी.!
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"तुम बूंद-बूंद टपको मुझ पे"
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जिस बगिया के तुम मालिक हो
उस बगिया में मैं वृक्ष बनूं,
गर बागों में तुम वृक्ष बनो
तो उस वृक्ष की मैं बस डाल बनूं,
गर डाल बनो तुम कभी कहीं
तो उस डाल कि मैं बस पात बनूं,
गर पात बनो तुम कभी कहीं
तो मैं उस पात पे ओस की बूंद बनूं,
गर तुम पात पे ओस की बूंद बनो
तो मैं उस वृक्ष के नीचे ज़मीं बनूं,
तुम बूंद-बूंद टपको मुझ पे
मैं तुमको अपने अंदर लूं....💞💞💞-
मुलाक़ात होगी, हसीॅं बात होगी
तुम इक बार बाहों में आकर तो देखो
हर तरफ़ बस मुहब्बत नज़र आएगी
ये नज़रें तुम हमसे मिला कर तो देखो...
सुकूं भी मिलेगा, नशेमन भी सजेगा
तुम वफ़ाओं की महफ़िल में आकर तो देखो
क्यूं डरते हो जानां कि धोखा मिलेगा
तुम अहद-ए-वफ़ा बस निभा कर तो देखो...
है गर शक़ ज़रा भी तुम्हें मेरी वफ़ा पर
तो ऐ जां मुझे आज़मा कर तो देखो
हम तुझमें ही तुझमें बस खोए रहेंगे
तुम एक बार मुझमें समा कर तो देखो...💞-
लोग सही कहते हैं कि बारिशों में तन्हाई का ग़म बढ़ जाता है,
अब हमें ही देख लो न,
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जब भी तन्हा होते हैं "आंखें" बरसने लगती है.!-
तुम्हारे हर सवालों का जवाब है मेरे पास
ऐ जाने वाले तुम पहले कुछ सवाल तो करो,
तुम्हें जाना है, चले जाना, अब इतनी जल्दी भी क्या है
सुनो! कुछ देर ठहर मुझसे कुछ बात तो करो,
गर की है मैंने तुमसे बेपनाह मोहब्बत
तो थोड़ी देर उस मोहब्बत का कुछ ख़्याल तो करो,
तुम्हें मेरी आंखों में अपनी दुनिया दिखती थी न
आज अपनी दुनिया छोड़ जाने का कुछ मलाल तो करो,
हर क़दम साथ चलते थे, हर सफ़र साथ चलते थे
अब छोड़ जा रहे हो कुछ हिजाब तो करो,
मेरे हमनशीं तुम्हें हर चीज़ तो बराबर की पसंद थी ना
तो मेरे बेहिसाब मोहब्बत का कुछ हिसाब तो करो....,-
सुनो जाना! चले जाना, मगर इतना बता दो ना
कि जो हम थे तेरी दुनिया तो अब दुनिया किसे माना,
जो हंसते थे मेरे संग तुम, जो रोते थे मेरे खातिर
जहां कभी हम धड़कते थे वहां अब किसको धड़काना,
जो तुम कभी मेरे नहीं हुए, तो किसी और के क्या होगे
चलो फिर भी बता दो ना कि अब किस पर जुलम ढ़ाना,
जो अब हम ना रहे कभी, तो तुम हैरान मत होना
तेरे बिन जीने से अच्छा कहीं बेहतर है मर जाना,
सुनो जाना! चले जाओ, पर एक एहसान कर जाना
मुझे तुम जितना तड़पाए उसे उतना ना तड़पाना...!
-मैं भी कलमकार@APT✍️✍️✍️
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हमको भी तुमसे प्यार था तुमको भी हमसे प्यार था
इस शहर में हमारे इश्क का अब चर्चा भी बेशुमार था
मोहब्बत हम दोनों के दरमियान अब कुछ ऐसी थी
कि एक दूजे के बिना जीना भी नागवार था,
हर पल हर घड़ी मुझे तेरा ही इंतज़ार था
तेरे इश्क़ में हम को ऐसा लगा बुखार था
मोहब्बत में तेरी अब हालात मेरे कुछ ऐसे थे
कि जीते थे तेरे लिए और तुझ पे ही जांनिसार था,
तेरी आंखों में देख आंखों को चढ़ा अजब खुमार था
पाने की चाह में ख़ुदा से तुम्हें मांगा कई बार था
तू मिला तो मुझे ही पर दिल में डर कुछ ऐसे थे
कि तुझे खोने के ख़्याल से भी ये दिल रोया ज़ार ज़ार था.....!-