उन्हें लगता हैं सब ठीक है,
चेहरे पे रौनक जो है मेरे,
ख़ामोश हूँ! कोई वजह नही पुछता,
अंधेरा है घर!! कोई ला दो सवेरे!!!-
सब कहते हैं.....
वो कुछ तुम सा लगता है,
तुम्हारे ज़ख्मो पर कुछ मरहम सा लगता है।
वो रहनुमा तुम्हारा रहबर सा लगाता है ।
तुम्हारी इन अंधेरी रातों का उजला सवेरा सा लगता है।
तो मेरा जवाब कुछ यूँ होता है....
मुझे अंधेरो की आदत सी हो गयी है,
अब रोशनी से ज़रा डर सा लगता है।-
तुम्हारी ही चांदनी में,
चमक रहा हूं सनम,
तेरी अटूट मोहब्बत से,
खनक रहा हूं सनम,
मायूस ना हो, 🌹
ऐ मेरे हमसफ़र,🌹
तेरे प्यार की खुशबू से
महक रहा हूं सनम🥀-
रात के अंधेरे में ,
दिन के उजाले में,
उसके ख्यालों में ,
मैं अब भी खोई सी हूं!
उम्र भर उसके साथ रहूँगी
इस वादे को तोड़ के भी ...
मैं उससे पहले जैसे जुड़ी हूँ।
चाहत में उसकी मैं अब भी ,
झल्ली से वोही लड़की हूँ ।-
तुम आ गए हो न, तो अब रुको कुछ देर!
ख्वाबों में भी रुखसत होने की, ये जल्दबाजी कैसी.....!!-
वो अँधेरे ही मेरे सुक़ून का सबब हैं आज कल ,
जिनके होने से कभी हम डर जाया करते थे ।।-
Jo pasand the andhera mujhe.
Aj kal wo b km pasand a raha h.
Jin andhero m sannata tha.
Pta ni kyun wo b ab chilla raha hai.
-
जिंदगी के उस मोड़ पर हूं
जहां मेरे चारों तरफ़ कोहरा ही कोहरा है
मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा
पर मैं चलती जा रही हूं दिल के अंदाजे से
कि शायद ये मुझे मेरी मंजिल तक पहुंचा देगा।।
-