आज आये हैं तेरे दर पर जौन,
देर से आये पर दुरुस्त आये..
अमरोहा में हज़रत जौन एलिया के मकान में जौन साहब की मेज के आगे उन्ही की जगह बैठे हुए।
(उस दौर में जौन साहब बैंत की कुरसी पर बैठा करते थे)-
Ke sar zamine amroha ka name roshan kr diya ...!!
Ki Kuch is tarha ubhra sitara sbko roshn kr diya ,..!!
Ke tarruf ki zarurat hi nhi inko esa kam kr diya ....!!
Jaanta h inko amroha raza twin's ke name se .....
Prrr inhone apne sher ka name roshan kr diya...!!-
Kashish amroha ki Haar cheez sikha deti hai...
Apne adab o adab se apna bana leti hai ..!!
Ama ye wohi shehar e amroha h janab..!!
Jiski abo hawa bigde hua ko bhi tehzeeb sikha deti hai...!!-
" मुझे जानते हो ...
नहीं जानते ... कोई बात नहीं ...
आप 'अमरोहा ' को तो जानते होंगे ...
नहीं जानते ... कोई बात नहीं ...
'जनाब_जाॅन_एलिया_साहब ' को तो ज़रूर जानते होंगे ...
अगर नहीं जानते ...
तो तुम्हें इश्क़ के मायने नहीं मालूम ...
तुम्हें शायरी से मुहब्बत नहीं हो सकती ...
तुम शायर नहीं हो सकते ... "
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प्रेम आये
ऐसो आये
अँखियन छप जाए
अंक लगाए
जान बिछाये
जान लुटाये...
भाड़ में जाए
ऐसो प्रेम
जो दीदन नीर सुखाये
बिछोह न सह पाए
हवस जगाये
जान ले जाए...
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साकी की मुहब्बत में दिल साफ हुआ इतना
जब सर को झुकाता हूं शीशा नजर आता है
Urdu shayri
By Akram chaudhary-
Kashish amroha ki Haar cheez sikha deti hai...
Apne adab o adab se apna bana leti hai ..!!
Ama ye wohi shehar e amroha h janab..!!
Jiski abo hawa bigde hua ko bhi tehzeeb sikha deti hai...!!-
थोड़ी ही सही मगर बात किया
करो ,
चुप रहते हो तो ...
भूल जाने का एहसास होता है ... !!-
मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा
देना हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरों के इलाज खातिर-