तुम कलाम नहीं कमाल हो तुम,
अमीरी और गरीबी का बेमिसाल जवाब हो तुम,-
घर से कुछ दूरी पर,एक भूत बंगला हैं,
जहां में अक्सर जाया करता हूं,
वहां के लोग औरों से अलग हैं,क्युकी वो झूठ नहीं बोलते ओर सच लोग देख नहीं सकते,
दोस्ती इतनी करीबी की हो गई है,की में बता नहीं सकता,में रात में उनसे मिलता हूं, पर वो दिन में मेरे घर आने से डरते हैं,उन्हें इंसानों से डर लगता हैं....-
यूं तो चहेरा भी बहुत कुछ बयां कर देता हैं,
लेकिन आईना से कुछ छुपाया नहीं जा सकता...-
The key to life is that
the master of the keys
is the one who made it...-
इस ज़िंदगी में तेरे अपनी भी हिस्सेदारी है
ऐसा ही तो हूँ मै और ऐसी ही मेरी यारी है
तुझसे ही तो रूठना, हर पल तुझे सताना
तेरे मुस्काते आँसू लगती मुझको प्यारी है
चाह केभी न कह पाना,सहसा दूर हो जाना
अल्फ़ाज-अ़ों को छुपाना मेरी ये लाचारी है
न होने पर मेरे, एहसास होगा शायद खास
कह के टाल देना उसीकी तो ये मक्कारी है
तेरे साथ से ज्यादा खुशियाँ ही अभिसारी है
ऐ मेरे यार तुझको छोंड़ बाकी दुनियादारी है-
ना फासले हैं,ना फैसले हैं,
अनिरुद्ध,अविरल, निश्छल चला जा रहा हूं,
ना पड़ाव हैं,ना मंजिल हैं,
बस मदमस्त हो कर जिया जा रहा हूं,
कई बार मांगा हे,तुझको,तुझसे,
पर हर बार ही हारा जा रहा हूं....
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