किसने देखा कि मरने के बाद दर्द ही मिलता है।
क्या पता मरने के बाद ही सबसे बड़ी खुशी मिले।।-
पर ऐ ज़िन्दगी तुझे हम किस-किस में पढ़ें?????
माना के झूठ बोलने से कभी कभी रिश्ते बनें रहते हैं
लेकिन जब सच काहा जाता है तब वो रिश्ते और भी
मजबूत हो जाते हैं
आसान नहीं है,
पर सच की बुनियाद पर बने रिश्तों को कोई नहीं
हिला सकता।
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अब मैं बातें नहीं करता किसी से ज्यादा
डरता हूँ के फ़िर किसी की आदत ना लगे
रहता हूँ अक्सर अब यादों मे अकेला
कहता हूँ खुद से किसी की इबादत ना लगे
खुल के बातें नहीं करता अब किसी से
हरकतों से मेरे किसी को मोहाब्बत ना लगे-
मैं दिल में रंज लिए फिरता चला अब
जब रंग मैकदे में हो तो रंज वार जाता हूँ
बाज़ी अंत तक हर जीत जाता हूँ पर
जब जंग अपनों से हो तो हार जाता हूँ
समय इक सा कभी रहता कहाँ कब
अब दर्द को भी हँसी से मार जाता हूँ
जब लोग दिल में बस रहे थे वो खाब
और जज़्बात के अब पार जाता हूँ-
इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ
तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ
हम अगर मंज़िलें न बन पाए
मंज़िलों तक का रास्ता हो जाएँ
देर से सोच में हैं परवाने
राख हो जाएँ या हवा हो जाएँ
इश्क़ भी खेल है नसीबों का
ख़ाक हो जाएँ कीमिया हो जाएँ
बंदगी हम ने छोड़ दी है 'फ़राज़'
क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ-
सब प्यार करेंगे हॉ यार करेंगे
हर दिल पर हम अधिकार करेंगे
यह जीवन है इस शून्य हृदय से
मिल कर् सब रंग हजार करेंगे
इस रंज धरा पर व्याप्त छटा अब
दिल से अपने सब तार करेंगे
सब प्यार करेंगे हाँ यार करेंगे
जब घर अपना संसार करेंगे-
ओ कन्हा मैं दंग रहा तुझसा सखा जब संग रहा,
हैं ओज प्रीत सब साज सखे तेरे अंदर् कई राज सखे!
सबने जब मुझपर व्यंग गहा तू अंक गहा मेरे संग रहा।
"Govind"-
कल बादलों से मैने खुल कर बात क्या कर ली
आज बारिश रुकने का नाम हि नही ले रही!-