अब वो मेरे साथ नहीं हैं,समझे ना
समझाने की बात नहीं है,समझे ना
तुम मांगोगे और तुम्हे मिल जायेगा
प्यार है ये खैरात नहीं है,समझे ना
मैं बादल हूँ,जिसपर चाहू बर्शूंगा
मेरी कोई जात नहीं हैं,समझे ना
अपना खाली हाथ मुझे मत दिखलाओ
इसमे मेरा हाथ नहीं है,समझे ना
👍👍Zubair Ali Tabish
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13 FEB 2020 AT 8:12
11 DEC 2019 AT 16:41
.....mai khaak hi to hu akhir mera bnega kya, mjhe kumhaar ne chakkr me daal rkha h. Ki... mere khilaaf mile hain kaee saboot, mgr mere wakeel ne judge ko smbhal rkha h...
#zubair Ali tabish-
27 JUL 2019 AT 19:55
मुझे पता है मोहब्बत में क्या गुजरती है
तो तुझसे इश्क़ नही तुझसे दोस्ती करूँगा
'इनाम आज़मी'
तुम मेरी अच्छी दोस्त हो लेकिन,
बाद में प्यार हो गया तो फिर..?
'ज़ुबैर अली ताबिश'-
27 DEC 2019 AT 23:22
वो मुझसे कहती थी,
एक शैर सुनाव,
उसकी ऊपरी लब्ब को चूमकर हट जाता था,
उसकी जहन मे क्या आता था
तैश मे आकर कहती थी,
शैर मुकम्मल कौन करेगा !!
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14 SEP 2019 AT 22:49
कुछ मेहमा
आंखों में बस जाते हैं
तो कुछ दिलों में बस जाते हैं
कुछ सुनाई देते हैं कानों से
तो कुछ धड़कनों में बस जाते हैं-