"Phir Koi Juda Nahi Kar Payega Hume,
Agli Baar Aaungi Tere Mazhab Ki Banke."-
22 DEC 2018 AT 21:34
4 MAY 2021 AT 15:59
Lakh mithas hogi tere lehze me
Pr tera dusro se bat krna zehar lgta hai..-
31 JUL 2017 AT 22:18
काग़ज़ की कसम, मेरी कलम, झूठ नहीं है।
मौसम ये सनम, हम पे सितम, झूठ नहीं है।-
27 JUL 2017 AT 10:57
ज़माने भर को नसीहत हज़ार देता हूँ।
सोने जाता हूँ तो नींदें उतार देता हूँ।-
30 JUL 2017 AT 14:48
जब भी आईने के आगे से मैं गुज़रता हूँ;
ऐसा लगता है कि तुम देख रहे हो मुझको।-
30 JUL 2017 AT 11:21
लगी जब आग, तो सब ख़त पुराने जल गए;
बलाएँ ले के ज्यों , राई के दाने जल गए।-
4 APR 2020 AT 0:30
इतना भी मुश्किल नहीं है मुझे समझना
बस दिमाग़ नहीं, थोड़ा दिल लगाकर पढ़ना....-