"हर आईने, झूठ से भरा!
जुड़े तो एक चेहरा, टूटे तो कई!!"
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16 NOV 2019 AT 23:00
"ना किस्सा कोई, ना कहानी का हिस्सा कोई...
तेरी किताबों में रहा हूँ मैं, बुकमार्क की तरह।।" #Simplysiddh-
27 SEP 2020 AT 18:13
17 SEP 2017 AT 11:18
"जाने कौन-सी रात थी जब सोया था,
एक ख़्वाब जब ख़्यालों में खोया था!
कभी-कभी भूले से आती तो थी हँसी,
मगर याद नहीं कब खुल के रोया था!!"
#Simplysiddh-
6 SEP 2017 AT 1:13
"मुझे हार जाने का ड़र कभी नहीं रहा...
जीत जाने की जिद मगर भैया ने सिखाई है!!"
#Simplysiddh #Teachers #Brother-
18 JUN 2017 AT 2:13
"आपके काँधे पर कब बैठा बचपन में कुछ याद नहीं...
हाँ मगर तस्वीर के सहारे कई बार चढ़ा हूँ आप पर!!"
#Simplysiddh
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28 SEP 2021 AT 20:38
2 OCT 2020 AT 14:14
"औरत होना क्या जुर्म है उसका,
डरी सहमी-सी हर माँ पुछती है|
कृष्ण क्या तुम अब भी हो,
हर द्रोपदी की जुबाँ पुछती है॥"
#Simplysiddh-
2 MAY 2020 AT 18:30
24 FEB 2020 AT 14:40