आज खुद को बस इतनी सी सज़ा देते है,
चलो खुद को खुद से ही कैद कर लेते है।
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पिंजरे में बंद पंछी खुले आसमान में उड़ रहे है,
खुद को खुदा समझने वाले खुद को कैद कर रहे है।-
चारों तरफ मच रहा हाहाकार है
देश मे जैसे छा रहा अंधकार है
ऑक्सीजन का जरूरतमन्दों को इन्तजार है
परेशान लोगों में उठ रहा अंगार है
देश का प्रत्येक नागरिक इलाज का हकदार है
आखिर इतनी मौतों का कौन जिम्मेदार है-
बैठा है क्यूंकि तख्त पर...,, सारा भार उठाए वो???
तुम घूमो बेफ़िक्र.... तो क्या घर आकार समझाए वो?
#break_the_chain
#stay_home-
प्रभु मत तुम इतना कहर बरसाओ
ना इस धरती को तुम बंजर बनाओ
जिनके सिर से माता पिता का साया उठ गया
कैसे जिंदगी काटेंगे वो बच्चे
तुम ये तो बताओ
प्रभु थोड़ा तो रहम खाओ
जिनके बच्चे दुनिया छोड़ के चले गए
उन माता पिता का बुढ़ापे का सहारा कौन है
तुम ये तो बताओ
प्रभु थोड़ा तो रहम खाओ
श्मशान घाटों में जगह नही
अंतिम संस्कार करने की
शवों को कहाँ जलाये,
तुम ये तो बताओ
प्रभु थोड़ा तो रहम खाओ
हमारी हँसती हुई जिंदगी प्लीज वापस लौटाओ-
सुरक्षा में हमारी हमेशा
पुलिस की फ़ौज डटी होती है
छोड़कर घर परिवार को
डॉक्टरों, नर्सों की जंग रोज कोरोना से होती है
काट रहे जिनके हाथ तुम
उनके कंधे पर भी बंदूक तनी होती है
कर रहे पथराव रोज तुम उन पर
याद रखना कर्मों की सजा सबको होती है
थूक रहे हो लोगो पर, शर्म करो
आखिर कुछ तो इंसानियत होती है-
एक बदनाम ने क्या खूब नाम कमाया है
अल्कोहॉल ने आज कोरोना से बचाया है-
जब से शराब की दुकानें खुली हैं
लोगो मे अजीब सी खलबली मची है
जो कह रहे थे रोटी के लिए पैसे नही है
उन्होंने कट्टों में शराब की बोतलें भरी हैं
सुना है शर्म आती है अमीरो को लाइन में लगने में
शायद ठेके पर लाइन में लगकर उनकी शान बड़ी है
अरे अमृत नही है ये, जिसे पीने की तुम्हे इतनी तलब लगी है
जनाब Social Distancing की पूरी धज्जियाँ उड़ी है-
दो चार कदम पे तुम हो।।।।
दो चार कदम पे हम हैं।।।
दो चार कदम ये लेकिन एक मीटर से क्यु कम हैं।।।
एक मीटर की दूरी बनाये रखना।।।।
क्युकी अभी हैं corona ।।।।
हाँ! है अभी corona।।।।-