इस मुस्कुराहट के पीछे कई उदासियो को छिपाए बैठे है,
बेशक खाली है मेरी किताब के पन्ने,पर राज कई ये भी छिपाए बैठे है।-
.
.
.
I'm not a professional writer..
.
.
.
.
.
शायरी मोहब्बत वाली लिखता हूँ.
यकीन मानो ... read more
उम्र के साथ बंदिशे कई खत्म हो गई,
अब तो जिम्मेदारियों ने दबा रखा है।
-
दुनियां के रंगों में खुद को ढालने लगा हूं,
शायद अब मै बदलने लगा हूं।
-
उन पुराने दिनों की तरफ फिर लौटकर जाना चाहता हूं,
बैठकर यारो के साथ चाय का कप फिर टकराना चाहता हूं।
-
क्या अब तेरे शहर में कोई जिंदा बचा है,
या उधार की मुस्कुराहटें और अंदर से सब मुर्दा है।
-
तुमसे यूं दूर जाने का इरादा न था,
शायद मै तेरे इश्क़ के काबिल न था।
-
दिनभर जो भागते दौड़ते थे,
वो अब चलते चलते भी रुकने लगे हैं।
पर ये हकीकत है,
सब दोस्त थकने लगे हैं।
किसी को लोन की फ़िक्र है,
कहीं हेल्थ टेस्ट का ज़िक्र है।
फुर्सत की सब को कमी है,
आंखों में अजीब सी नमी है।
कल जो प्यार के ख़त लिखते थे,
आज बीमे के फार्म भरने में लगे हैं।
पर ये हकीकत है
सब दोस्त थकने लगे हैं।
देख कर पुरानी तस्वीरें,
आज जी भर आता है।
क्या अजीब शै है ये वक़्त भी,
किस तरह ये गुज़र जाता है।
कल का जवान दोस्त मेरा,
आज अधेड़ नज़र आता है।
ख़्वाब सजाते थे जो कभी ,
आज गुज़रे दिनों में खोने लगे हैं।
पर ये हकीकत है
सब दोस्त थकने लगे है।-
छोड़ दिए जो रास्ते, वहां फिर लौटना चाहता हूं,
अधूरे है जो रिश्ते, उन्हें फिर निभाना चाहता हूं।
-