बैठ जाना चाहती हूँ किनारों पर
लहरों का खेल अच्छा लगता है,
बहुत शोर है अपनों के शहर में
खामोशियाँ सुनना अच्छा लगता है!
अक्सर देखती हूँ कितने अन्जान चेहरें
खुद से मिलना अच्छा लगता है,
रिश्तों के धागे उतार कर कुछ पल
अपने लिये जीना अच्छा लगता है!
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#PoolofPoems
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अक्सर सोचता हूँ,
काश किताबें भी बोल पाती
तो कभी इन्तज़ार ना करना पड़ता,
काश ये किताबें भी सुन पाती
तो कभी एहसासों को बिखरना ना पड़ता,
काश ये किताबें भी चल पाती
तो कहीं भी तन्हा शामें ना होती,
काश ये किताबें भी इंसानों सी होती
तो इंसानों की कभी ज़रूरत नहीं होती!
फिर सोचता हूँ,
ये किताबें इंसान ना ही हो तो बेहतर है
बोल, सुन, चल नहीं पाती
मगर कम से कम इंसानों की तरह ये दिल तो नहीं दुखाती!
#PoolofPoems-
खामोशियों के फ़सानों में
इक अनकहा सा लम्हा तो होगा,
वक़्त की बहती लहरों का
कहीं कोई साहिल तो होगा,
यूँही नहीं सजती अक्सर
ये महफिलें एहसासों की,
ज़िन्दगी की शामों का
पल दो पल का शायर तो होगा!
पल दो पल की कहानी होगी
पल दो पल की रवानी होगा,
तुम्हारे अन्दर भी कहीं
पल दो पल का शायर तो होगा!
#PoolofPoems-
डूब जायेगा ये "साहिल" भी एक दिन
मातम मना कर यूँ शोर ना करना,
कभी खामोशी की तलब लगे अगर
तो बस मेरी नज़्मों को अपना साहिल बना लेना!
#PoolofPoems-
Come to seashore
winds are breezing
rest in nature's lap
it's a beautiful trap.-
Clouds seem pink to me
weather has special flavour
wind chimes in silence
noise doesn't seem clamour.
Are these feelings dummy
or cupid has stuck me.-