ना कर ऐतबार ओ बैरागी,
मैं रूह तक आ पाऊँ ना पाऊँ,
दुआ में उठी तेरी हथेली जो कभी,
तलब की ताबीर मैं देखना चाहूँ !!-
| Poetess by Art, warrior by Heart|
| Thoughts are ink... read more
तुम्हें एक बात कहनी थी,
सूकून लिए तेरे दर पर ठहरे रहे,
जब दीदार भी ना मिला तुम से,
दिल-ए-दरार लिए लौट आए!!-
ज़िन्दगी पास तो आ,
कदमों से कदम तो मिला,
है अभी मेरा सफ़र जारी,
मुकद्दर को मंज़िल से गले लगा!!-
एक एक साँस का हिसाब रख,
खामोश आहों का खयाल रख,
मद्धिम हो रही आँच ज़िंदगी की,
लौ को फिर से जलाकर आबाद रख!!!-
ये तन्हा सफ़र हमने,
इस कदर तय किया,
के उनको खोजते खोजते,
मैंने खुद को पा लिया!!-
युवा होने का मतलब यही,
तत्वहीन आत्मा का निर्माण,
खुदी में परमात्मा का सम्मान!!-
नन्हीं सी खुशी, कभी थपेडे लगाती,
माटी में मिलाकर हमें नया बनाती,
जिंदगी भी आजकल सियासत सिखाती!!!-
एक रात की कैद थी,
बिना कुछ कहे ही,
लफ्ज़ों की कैफ़ियत थी,
लिखते क्या हम उनकी रुबाई में,
जो कोरे से पन्नों मे स्याही थी,
उन में साँसों की तन्हाई उतारी थी!!-
तुम्हारा एक एक शब्द,
कभी मेरा जुर्म कभी जुनून,
मिले जो जख्म, कभी दर्द बनकर,
तो कभी प्यार बनकर रहा सूकून!!!-