मुझे लगता है वो मूर्ख हैं,
उन्हें लगता है मैं मूर्ख हूँ ।-
गलतियों और गुनाहों में.... फर्क बारीक ही रहा,
गलतियां मेरी, गुनाह उसका तर्क इतना सा रहा ।-
और...
शरीर पर मेरे रख अधिकार ,
पुरुषार्थ उसका पूरा हुआ !
और...
कर के उसे अधीन अपने ,
मनोविकार मेरा पूरा हुआ !-
Why does it happen so, that
for the world, we become the
best counsellor it ever had;
But when it comes to our own
selves we turn out to become
so inadequate?
Sadly, no amount of knowledge
seems enough to counsel our
own selves!!-
डर तुमसे नहीं, मुझे डर खुद से लगता है ,
बस इक़ तूफा़न कभी और सब ख़तम ।-
आत्मविश्वास मनुष्य की अपनी मानसिक क्षमता है
और यह मानसिक क्षमता कभी
दूसरे के भरोसे नहीं आ सकती है।
वह दूसरा कोई क्षमतावान व्यक्ति हो या कोई
महान सिद्धांत, वह दूसरा फिर चाहे बड़े-से-बड़ा धन हो
या सत्ता का कोई शिखर। ध्यान रख ही लो कि
धन, व्यक्ति, वस्तु, विचार, धर्म या सत्ता में ऐसा
कुछ भी नहीं जो मनुष्य को आत्मविश्वास से भर सके।
मनुष्य का आत्मविश्वास सिर्फ
उसकी अपनी प्रतिभा के प्रति ही हो सकता है ।-