लोग वादों से मुकर जाते हैं
आप इरादों की बात करते हो
यहां हक़ीक़त बदल जाती हैं
आप ख़्वाबों की बात करते हो
यहां जरूरतें पूरी नही होती
आप हसरतों की बात करते हो
मत करना यकीन दोस्त
इस दुनिया की बातों पर
यहां चाहतें बदल जाती हैं ,
और आप मन्नतों की बात करते हो— % &-
यहाँ तक आ ही गये हो तो like और comment भी कर दीजिए
लोगों से दूर जाओ तो
वो संभलने लगते हैं
उनके पास जाओ तो
वो बदलने लगते हैं
उनसे सच कहो तो
उन्हें खलने लगते हैं
अपनी खुशी बाटो तो
वो जलने लगते हैं
अब आप ही बताओ
करें तो क्या करें
अपना दर्द सुनाओ तो
लोग निकलने लगते हैं— % &-
जो आपके साथ नही चलना चाहते
उन्हें आपके पीछे , रख सकती है
आप में कोई खूबी हो या ना हो पर
आपकी कमियां , ढ़क सकती है
यकीन करो साहब , ये दौलत
बहुत कमाल की चीज़ होती है
ये सिर्फ़ आपकी जिंदगी नही
आपकी दुनिया , बदल सकती है— % &-
मेरी यादें जब जब आती होंगी उसे
वो बैचैन हो जाती होगी
थक जाती होगी महफ़िलो से जब वो
सुकूँ के दो पल वो चाहती होगी
आँखे भर आती होगी उसकी
जब ज़ेहन में मेरी याद उभर आती होगी
मैं अक्सर उसके ख्वाबों में आता हूँ
ख्वाबों में देख मुझे मेरा नाम पुकारती होगी
कई राते जगकर गुज़ारी होगी उसने
जब कश्मकश में फंस जाती होगी
पूछती होंगी उसकी सहेलियां जब हाले दिल उसका
वो आँखों में लिए दर्द मुस्कुराती होगी
अलग होना तय था फिर भी
"उम्मीद का दामन" सँजोये रखना चाहती होगी-
अब उन गलियों में हलचल नहीं
यह आंखें न रोए ऐसा कोई पल नहीं।
अब वो पीपल भी हिलता नहीं ताउम्र पानी लगाने के बाद।
तन्हाई छा गई तेरे जाने के बाद
अब कोई बात नहीं होती हँसी की
नजर लग गई इस घराने को किसी की।
नहीं आती है रौनक सब कुछ सजाने के बाद
तन्हाई छा गई तेरे जाने के बाद
अब चांद भी आंगन में आता नहीं
अब वह मकबरा भी मेरा सुनता नहीं
शिद्दत से चादर चढ़ाने के बाद।
तन्हाई छा गई तेरे जाने के बाद
अब वह नदियां भी बहती नहीं
अपना दुख भी किसी से कहती नहीं।
यह अखियाँ भी सपने सँजोती नहीं।
अब रौनक आएगी तेरे आने के बाद
तन्हाई छा गई तेरे जाने के बाद
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ना शबाब लिखूगा ,ना जवाब लिखूगा
मेरे हक़ की एक बोतल शराब लिखूगा
आओगे तो पी ले ना कुछ गम के घूंट
उसके बाद ग़ज़ल की एक किताब लिखूगा-
वतन की सौंधी मिट्टी पर हम ये जान दे देंगे
देश की आन को दे आँच हम उसकी जान ले लेंगे
वीरो से सजी इस धरती पर हर वीर अपना है
स्वर्ग से सुन्दर इस धरती पर वो कश्मीर अपना है
पावन-पूज्य घाट सरिताओं के ईश्वर को हर्षाते है
प्रेमपूर्ण सरगम लताओ के हर चर को लुभाते है
यात्रा यहाँ चार धाम की, वेदो का विधान है
पवित्रता यहाँ “गीता” के नाम की मेरा भारत महान है-
प्रथम श्वास जो भूमि दे वो मातृभूमि कहलाए
प्रथम माता ही ये बने इसलिए मातृभूमि कहलाए
प्राणों से भी बढ़कर जो, वो प्राण मातृभूमि का हो
हर रण से बढकर जो, वो रण रणभूमि का हो
देश-विदेश में बढ़ेगे कदम
पर निकलेंगे मातृभूमि पर दम
गाथाओ की अगर बात हो, हर लाल-बाल का साथ मिले
कुर्बानी की अगर बात हो, हर माता का ही प्राण मिले
मरकर भी जो अमर बने, वो शहीद कहलाए
स्वर्ण अक्षरों में नाम जिनके, वो भारत के रत्न कहलाए-
नज़दीकियाँ बढ़ी , तो संभलना मुश्किल है
तेरा अब दिल से निकलना मुश्किल है
ना जाने कहाँ से निकल आये हैं इतने काटें
मेरा अपनो के बीच में टहलना मुश्किल है-
ख़्वाबों के मकान में साथ हुआ करते थे हम
पहले कितने ख़ास हआ करते थे हम
तब भी तुझ पर बारिश बन कर बरसे हैं
जब सेहरा की प्यास हुआ करते थे हम
तूने हाथ लगाकर ग़ज़ल किया हम को
वरना बस एहसास हुआ करते थे हम
तुझको कोई देखे कहाँ गवारा था
इस दर्जा खुदगर्ज हुआ करते थे हम
हमसे ही थी खुशबू सारे कमरे में
फूलों का एक वास हुआ करते थे हम-