कोई कैसे संभाले भला
नादान ए दिल को मोहब्बत से
किसी को तेरे झुमके
किसी को काजल मार जाती है
तेरी पायलों के छनछन से
बढ गई है धड़कन मेरी
हाय तेरी तिरछी नजर
कर के घायल मार जाती है
होते ही बारिश क्या बितती
है दिल पर तुझे क्या पता
कभी बादल कभी बूंदें
कभी सावन मार जाती है
यूँ ही नहीं हो गया है हमारा शहर
आशिकों का घर जाना
किसी को तेरी खुश्बू
किसी को जान नजाकत मार जाती है
मेरी मानो छोड़ दो
इश्क़ के दफ्तर में जाना शशांक
जो न मरते जहर से
उन्हें भी मोहब्बत मार जाती है-
16 MAY 2021 AT 16:14
3 OCT 2020 AT 6:34
ऐसा वक़्त कभी मत आने देना,
जब आपकी उम्र से छोटे बच्चे
आपको गलत राह पर चलने से रोके.-