Bahut Kuch Saha
Hai Tab Jakar Itna
Kuch Kaha Hai-
ये"ज़िन्दगी"हर रोज अपना एक नया राग सुना जाती है !!
ये समझ मे तो नही आती पर बहुत कुछ समझा जाती है।।-
एक दिन हम तुमसे, इतना दूर हो जाएगें...!
तुम जितना भी चाहोगे, फिर न आएगें...!!-
इक आँसू भी जिनके गिर गए तो दाग़ आए बहुत,
पहले-पहले प्यार में हम भी उनके घबराए बहुत।
फिर हुआ यूं कि उनके प्यार में महकाए बहुत,
वो यूं आए ज़िंदगी में मेरे की हम इतराए बहुत।
कुछ लोगो ने अपने दरीचों पर घाम खाए बहुत,
हम खुशनसीब थे जो हसरत-ए-दीद पाए बहुत।
जब मन हुआ खुद को काम में उलझाए बहुत,
लौटे तो गले लगाकर बोली तुम याद आए बहुत।
जाने कैसे कान के झुमकों को चमकाए बहुत,
रुख़सार-ओ-लब चूम उनपर प्यार बरसाए बहुत।
जाने कितने होंगे जो दिल लगाकर पछताए बहुत,
पहले-पहले प्यार में हम आगे निकल आए बहुत।-
थी दुआएंँ मांगी बहुत...
कोई दुआ रंग लाए ना...
तुझको खो दिया है मैंने...
जान मेरी भी जाए ना...-
Bahut dar lagta hai muje un logo se,
Jo do tara ki baatein karte hai.
Samajh hi nhi ata ki chahate kya Hain
😔😔-
Thappad se darrrrr
Nhii lagta saahab....!😛😎🤓
Cockroach se lagta hai...!!
🥴🤪😁😣-
किस किस से कहूँ कि
यहाँ क्या बवाल है...!
इस जिदंगी में उलझे
जाने कितने सवाल हैं....!!-