नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं..!!-
Kabhi kisi ko itna zaleel na karen ki wo baghi ho jaye kyunki jab ek aisa shakhs baghi ho jata hai jise apne kamzor samjh ke uspe zyadati aur zulm kiya tha ,,, phir use duniya ki koi kamzori kamzor nahi kar skti ..
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दिल जीतने का हुनर आता थोड़ी है
हर राजा को ताज़ भाता थोड़ी है
शान औ शौकत को जूती में छोड़कर
हरे मैदान को नापे वो दौड़कर-
तरकीबों से जी तो गया कुछ घुट घुट के
मौत आयी तो चल दी तरकीबें खुद ब खुद लूट लूट के-
रात देर से सोया, सुबह जल्दी उठ कर जाग रहा हूं,
हकीक़त छोड़िए, अब तो ख़्वाबों से भी भाग रहा हूं-
Ab tak ki Zindagi ammi baba ki narm chaon mein beet gai...
Ab zindagi ke naye mod pe unki Chao banni hai...
Ek masoom dil ki masoomiyat cheen li h duniya ne...
Bass khuda baghi nhi banne dena mujhe.🤍🤍-
बर्फानी रिश्तों में आंच सुलगती है कब
इंसान कि जरुरत चाय जितनी होती है अब
पल दो पल में ना पियो तो किस काम कि
ठंडा ज़हर अच्छा है
मौत देगा आराम कि
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सारी दुनिया से बगावत कर के तुझे अपना बनाना चाहा
क्या पता था , तू खुद हमे गलत साबित कर देगा !!
बस इश्क हि तो किया था ...कोई गुनाह तो नही ...
क्या पता था ,तू हि हमे बिखर जाने पर मजबूर कर देगा !!-
तू इंकलाब तेरे वजूद का
तू आफताब तेरे सुकून का
तू मुन्हसिर नही दबी आंच है
हवा के रुख कि बस बात है
पिघलेगा पिंजरा लेगी तू
बागी उड़ान
बरखा बदरी कर रही तांडव ,
हो चुका आगाज है ....-
Jaane kab tak zinda hoon main,
dar lagta hai
kahin maut mujhe baghi na bnade ...
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