हर पल घटता झीना झरना सम, जीवन जल है,
रह रह रूमानी अनामिका हृदय विकल विह्लल है,
सरल सोम्य सहज सजग सतपथ लो अपना,
सत्य सद्भाव से सदा संवरता सफल सुफल है!
उन्मत्त ऊर्जस्वित ऊर्जा उर, उम्र कुछ पल है,
क्यों रक्तचाप रक्तधमनियां रहती प्रबल हैं!
क्षमा क्षय क्षरण क्षितिज, विकट विकल है,
हर्ष हार्दिक, हंसी से हद हासिल हर हल है!
आदम अदम अद्भुत अनामिका आम आदमी,
हृदय हिय हित स्थित स्नेह अचल अटल है!
प्रेममय पाश पुष्प पलाश नीलम हृदय तल है,
नदी नहर नर्मदा निर्मल निश्चित निश्च्छल है!
वाह विकल विशाल वह विरह वेदना से विमल है,
प्रिय प्रेयसी प्रेषित प्रीत प्रेम अति विशिष्ट पल है!-
हाँ...
नाराज़ हूँ तुझसे
पर तेरी तस्वीरों से आज भी प्यार भरी बातें होती हैं मेरी...-
देख तेरे प्यार ने हमें , क्या से क्या बना दिया.............
पहले आशिक फिर दीवाना , अब शायर बना दिया...............।।
_ anamika singh-
पत्थर नहीं हूँ मैं, मुझ मे भी नमी हैं..........
दर्द बयां नहीं करती , बस इतनी कमी हैं................।।
_ Anamika singh-
सपनों की दुनिया मे हम खोते चले गए, मदहोश न थे पर मदहोश होते चले गए ..............
न जाने क्या बात थी उस चेहरे मे , न चाहते हुये भी उसके होते चले गए............।।
_ Anamika Singh-
कहाँ से लाऊ , वो नसीब ...........
जो तुझे , मेरा कर दे..........।।
_ Anamika Singh-
कितनी बार कहा दिल से , चल भूला दे उसे.............
हर बार दिल से यहीं आवाज आई, की तुम दिल से नहीं कहती...............।।-
Meri jagah khud , ko rakh kar dekho ...........
Mar hi jaoge , jab khud ko meri jaise paoge...............।।
_anamika singh-
Agar pure hote khwab sabhi ke chane sye .........
To es duniya me humsye jayada koi khush naseeb na hota ..............।।-
अरे इश्क क्या है अब तू मुझे सिखाएगा , जिसने ना जाने कितनो को रुलाया है...........
और मोहब्बत की बात ना कर ,हमसे तूने ना जाने कितनों के दिलों को तोड़ा और दुखाया है.........✍✍✍😥-