காற்றில்
சிறகசைத்து
பறக்கிறது
சொற்கள்
❤️❤️
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8 OCT 2023 AT 10:28
कर्मों का सार:~~~~
शुभ-अशुभ कर्मों का फल ही
प्रारब्ध बनकर भोग बनता है!
भोग एक बंधन है, भोग की लालसा,
उसमें लिप्त आसक्ति मुक्त नहीं होने देती,
कभी जन्म-चक्र से मुक्ति नहीं मिलती!
कर्म करना तो जीवन धर्म है,
शुभ कर्म सुखी जीवन का सार है
लेकिन उसके फलित भोग की
लालसा से मुक्त होना ही,
शुभ कर्म करने की सार्थकता है,
जन्म मरण से मुक्ति का साधन है!!-