एक युग सा बीत गया है तुम्हारे बिना।
पर तुम साथ हो, यही सोच कर जीते आये हैं॥-
10 JAN 2020 AT 9:22
20 JAN 2022 AT 16:42
लंक जलाके जली भी नहीं ,हनुमंत विचित्र है पूँछ तुम्हारी,
कौन सा जादू भरा ‘ राजेश ‘ हँसी पूछती हैं मिथिलेश दुलारी,
बोले कपि हीय राघव आगे, पीछे है पूँछ रहस्य है भारी,
वानर को भला पूछता कौन, श्रीराम के पीछे हैं पूँछ हमारी !
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