जब कभी हमारे मन में किसी का , अमंगल करने का भाव आए तो , उसको किसी विशेष मुहूर्त पर, टाल देना चाहिए ताकि हमारे द्वारा , किसी का अमंगल ना हो परंतु जब कभी , हमारे मन में शुभ संकल्प आये तो हमें , बिना किसी मूहूर्त देखे उस शुभ संकल्प को , पूरा करना चाहिए ताकि हमारे द्वारा , सब का मंगल हो ! नव वर्ष २०८१ की शुभकामनाएँ 🌷
गृहस्थ में रहते हुए भी जिन्होंने , श्रीकृष्ण से अति गोपनीय रूप में , प्रेम किया अपनी भक्ति को , अति गोपनीय रखा उसी का नाम , गोपी है उसी का नाम गोप है !
मुरारी बापू :- किसी भी पवित्र ग्रंथ का सामीप्य , हमें पवित्र करने में समर्थ होता है , आप अपने किसी भी इष्ट ग्रन्थ को , अपने समीप अपने साथ रखिए, यह आपकी पवित्रता को बढ़ाने वाला होगा!
समय स्वयं साक्षात परमात्मा का स्वरूप है , जिस प्रकार हम अपने आराध्या का आदर करते हैं, उसी प्रकार हमें समय का भी आदर करना चाहिए , जिस प्रकार हम अपने ईष्ट को सँभालते हैं, बहुत यत्न से रखते हैं , उसी प्रकार हमें समय को भी , बहुत आदर -सम्मान और यत्न से, उसका सदुपयोग करना चाहिए !
कलियुग का अर्थ है ? जहाँ कलह और अधर्म हो, परंतु जहाँ भगवान के भक्त, तन्मय होकर भगवान के पवित्र, नामों का कीर्तन करते हैं, वहाँ कलह और अधर्म के , कपाट बंद हो जाते हैं!
क्या आप जानते हैं महादेव को , कर्पूरगौरम् क्यों कहा जाता है ? जिस प्रकार कपूर गौरवर्ण है , उसी प्रकार महादेव भी स्वच्छ, शीतल और निर्मल हैं , जिस प्रकार पूजा में कपूर का , प्रयोग करने से नकारात्मक तरंगें दूर होती हैं , और सकारात्मकता आती है ,उसी प्रकार, जहाँ महादेव हैं - जहाँ परमात्मा है वहाँ केवल , सकारात्मकता ही आती है नकारात्मकता नहीं !