Mamta Jindal  
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भावों की पुष्पांजलि से,
अभिव्यक्ति के पुष्प💐
Joined 28 June 2018


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भावों की पुष्पांजलि से,
अभिव्यक्ति के पुष्प💐
Joined 28 June 2018
27 APR AT 14:00

(श्री राधा जी )
भगवान की आत्मा हैं ,
इसलिए उनका नाम ,
(राधारमण ) है!

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18 APR AT 12:46

श्वास - श्वास से,
राम !! रट ,
वृथा श्वास ,
मत खोए ,
ना जाने,
इस श्वास का ,
फिर आवन ,
होए ना होए !

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11 APR AT 20:52

स्वयं की प्रशंसा करने से ,
पुण्य क्षीण होते हैं ,
प्रशंसा तो दूसरों की ,
करनी चाहिए !

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9 APR AT 13:11

जब कभी हमारे मन में किसी का ,
अमंगल करने का भाव आए तो ,
उसको किसी विशेष मुहूर्त पर,
टाल देना चाहिए ताकि हमारे द्वारा ,
किसी का अमंगल ना हो परंतु जब कभी ,
हमारे मन में शुभ संकल्प आये तो हमें ,
बिना किसी मूहूर्त देखे उस शुभ संकल्प को ,
पूरा करना चाहिए ताकि हमारे द्वारा ,
सब का मंगल हो !
नव वर्ष २०८१ की शुभकामनाएँ 🌷

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1 APR AT 7:49

गृहस्थ में रहते हुए भी जिन्होंने ,
श्रीकृष्ण से अति गोपनीय रूप में ,
प्रेम किया अपनी भक्ति को ,
अति गोपनीय रखा उसी का नाम ,
गोपी है उसी का नाम गोप है !

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26 MAR AT 9:09

कलियुग में ,
भगवन्नाम का ,
जप करना ,
कीर्तन करना ,
भगवन्नाम का ,
उच्चारण करना,
भगवन्नाम के ,
रूप में ,
भगवान का ही ,
दर्शन है!

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17 MAR AT 12:05

मुरारी बापू :-
किसी भी पवित्र ग्रंथ का सामीप्य ,
हमें पवित्र करने में समर्थ होता है ,
आप अपने किसी भी इष्ट ग्रन्थ को ,
अपने समीप अपने साथ रखिए,
यह आपकी पवित्रता को बढ़ाने वाला होगा!

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13 MAR AT 20:10

समय स्वयं साक्षात परमात्मा का स्वरूप है ,
जिस प्रकार हम अपने आराध्या का आदर करते हैं,
उसी प्रकार हमें समय का भी आदर करना चाहिए ,
जिस प्रकार हम अपने ईष्ट को सँभालते हैं,
बहुत यत्न से रखते हैं ,
उसी प्रकार हमें समय को भी ,
बहुत आदर -सम्मान और यत्न से,
उसका सदुपयोग करना चाहिए !

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10 MAR AT 21:48

कलियुग का अर्थ है ?
जहाँ कलह और अधर्म हो,
परंतु जहाँ भगवान के भक्त,
तन्मय होकर भगवान के पवित्र,
नामों का कीर्तन करते हैं,
वहाँ कलह और अधर्म के ,
कपाट बंद हो जाते हैं!

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8 MAR AT 15:10

क्या आप जानते हैं महादेव को ,
कर्पूरगौरम् क्यों कहा जाता है ?
जिस प्रकार कपूर गौरवर्ण है ,
उसी प्रकार महादेव भी स्वच्छ,
शीतल और निर्मल हैं ,
जिस प्रकार पूजा में कपूर का ,
प्रयोग करने से नकारात्मक तरंगें दूर होती हैं ,
और सकारात्मकता आती है ,उसी प्रकार,
जहाँ महादेव हैं - जहाँ परमात्मा है वहाँ केवल ,
सकारात्मकता ही आती है नकारात्मकता नहीं !

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