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Ved Prakash Sharma
(वेद प्रकाश शर्मा)
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Mechanical Engineer
Joined 30 May 2019
15 JUN 2021 AT 9:49
सपनों से समझौता मत कर,
रुको नहीं तुम, राह में थक कर।
मंजिल भले ही दूर बहुत, पर
चले चला चल, निज आत्मबल पर॥
सपनों की ही आधार शिला पर,
यर्थात का शुभ भवन बनाकर।
सपने और संजोया कर, पर
सपनों से समझौता मत कर॥-
1 JUN 2021 AT 19:56
अब मैं क्यों सोचु, उसके साथ कैसा हो!
जैसा होना हैं, वैसा हो॥-
1 JUN 2021 AT 13:27
तुम ऐसे ही नहीं मिले थे हमें,
हर एक मन्नत में तुमको मांगा गया था।-
29 MAY 2021 AT 14:20
मैं हारा तो, तू हारेगा, मैं जीता तो, जीत है तेरी।
मेरा मुझमें कुछ भी नहीं है, तुझसे ही पहचान है मेरी॥-
24 MAY 2021 AT 9:31
विपदा के साथी तो, केवल भगवान हैं।
मेरे बहुत मित्र हैं... हा हा, ये बस थोथा अभिमान हैं॥-
15 MAY 2021 AT 7:01
सब समस्याओं का यही समाधान होगा।
जब मेरा उसपे, उसका मुझपे ध्यान होगा॥-
14 MAY 2021 AT 17:31
दौर-ए-वफ़ात में, मेरी तबियत भी ना पूछी।
सही कहता हैं वो शख्स, जिसने झूठ बोला था॥-