काफी अकेला हूँ मैं,
या मैं अकेला काफी हूँ।
!!!
काफी रेला गया हूँ मैं,
बहुत पेला गया हूँ मैं।
!!!
काफी रेलम-पेलम हुआ हूँ मैं।
जिसने जितना चाहा,
उतना रेला-पेला, गया हुँ मैं।
@रेलम-पेलम=सामाजिक उतार-चढ़ाव-
21 FEB 2021 AT 13:44
20 DEC 2019 AT 22:58
अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मय-ख़ाने में
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में
उरवत असू तेव्हा जितकी आम्ही पेल्यात
नसते शिल्लक तितकी हल्ली मद्यालयात
मूळ उर्दू शेर: दिवाकर राही
मराठी अनुवाद: प्रमोद (पीडी) देशपांडे-