जब शिकायत तुम्हे हमसे थी,
तोह तुम ज़माने के पास क्या करने चले गए?-
18 JUN 2020 AT 0:51
साथ होने के लिए , साथ होना ज़रूरी नहीं ...
बस, साथ होने का एक एहसास ही काफ़ी है !
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19 MAY 2021 AT 15:29
बता जरा तू मौसम ,
चाहे क्या रे,
क्यों करता इतना गुस्सा हैं
क्यों लेता सबके प्यारे,
बता कैसे सम्हले अब,
गली ,मोहल्ले, और द्वारे
क्यों छीन रहा तू पल पल कुछ
अम्मा पापा भाई, यारे
कभी बीमारी बन घूमे
कभी तू भूख से मारे
बता जरा तू मौसम,
चाहे क्या रे,
क्या दुख तुझको भी होता है,
जो रोता बादल फाड़े,
और जो दुख तुझको होता है
तो क्यो लेता निर्दोष की जाने,
बस अब वक्स दे हमको ,
माफ़ कर जो हम गुनहगार है
तेरे ही तो बच्चे हम ,
क्यों तू तड़पा तड़पा कर मारे......
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3 AUG 2018 AT 1:13
मेरे नाम में नाम तो है तुम्हारा
हर ज़र्रे- ज़र्रे में जिक्र भी है तुम्हारा
पर बावलेपन की हद तो देखो
मुझे अब तुम्हारे नाम से पुकारा भी है जाता-