ए यार तुम्हारे लिए खुश हूं बहोत,
लेकिन खुद के लिए,
दुखी होने का हक़ तो मुझे भी है।-
Even on the days
We don't understand eachother
कैसे करूं यकीन तुम पर,
तुमने मुझे नफरत भरी बातें बोल रखी है।
वो जो यादें थी बस मेरी तुम्हारी,
अपने यारों के सामने सब खोल रखे है।-
थी खलिश तेरे जाने की मेरी जिंदगी में,
मगर तेरे रहते हुए भी मेरे हिस्से में कुछ बचा नहीं था।-
जल कर राख हो चुका हूं मैं।
थोड़ी जलन तो तुम्हारे सीने में भी होनी चाहिए। — % &-
आज फिर तू आई नहीं,
शाम मैंने तेरी यादों में बिताई है।
देखता रहा मैं सब राह गुजर,
शाम मैंने तेरे दर्द में बिताई है।
शायद मेरे लिए अब तू लिखती नही है,
यादों में खोए दिखती नहीं है।
ठहर कर तुझे मैं आवाज जो लगाऊं,
सुनकर मुझे अब क्यों मुड़ती नही है?
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आज फुरसत लेकर आया था,
चार घंटे तक खड़ा भी था उस गली के बाहर,
पर शायद नसीब में न तुम लिखी हो न तुम्हारा दीदार। — % &-
क्या हुआ अगर तुम,
मेरे हाथ की रेखाओं में,
न आ सकी।
मैं खुश हूं ये जान कर,
मेरे दिल की नसों में,
सिर्फ तुम ही हो। — % &-
यह नजरें तुम्हारी बदली हुई हैं,
इन नजरों में कभी मेरा चेहरा था।
जब मिल जाए नजर कहीं से गुजरते,
चुराकर नजर को गुजर जाइयेगा।
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मिलों दूर विरानो में आ चुका हूं,
रंगों से कितनी दूर जा चुका हूं।
तन्हाइयों में बशर करता हूं,
हर रोज खुसियों का कतल करता हूं। — % &-
क्या फायदा अब तुम्हारा उन गलियों से गुजरने का,
अब तो अपने शहर से बहोत दूर जा चुका हूं मैं। — % &-