Devesh Dixit  
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I'll always choose u,
Even on the days
We don't understand eachother
Joined 5 July 2020


I'll always choose u,
Even on the days
We don't understand eachother
Joined 5 July 2020
7 SEP 2022 AT 0:00

ए यार तुम्हारे लिए खुश हूं बहोत,
लेकिन खुद के लिए,
दुखी होने का हक़ तो मुझे भी है।

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5 JUN 2022 AT 12:55

कैसे करूं यकीन तुम पर,
तुमने मुझे नफरत भरी बातें बोल रखी है।
वो जो यादें थी बस मेरी तुम्हारी,
अपने यारों के सामने सब खोल रखे है।

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7 MAY 2022 AT 19:51

थी खलिश तेरे जाने की मेरी जिंदगी में,

मगर तेरे रहते हुए भी मेरे हिस्से में कुछ बचा नहीं था।

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4 MAY 2022 AT 0:13

जल कर राख हो चुका हूं मैं।

थोड़ी जलन तो तुम्हारे सीने में भी होनी चाहिए। — % &

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8 APR 2022 AT 17:59

आज फिर तू आई नहीं,
शाम मैंने तेरी यादों में बिताई है।
देखता रहा मैं सब राह गुजर,
शाम मैंने तेरे दर्द में बिताई है।

शायद मेरे लिए अब तू लिखती नही है,
यादों में खोए दिखती नहीं है।
ठहर कर तुझे मैं आवाज जो लगाऊं,
सुनकर मुझे अब क्यों मुड़ती नही है?

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3 APR 2022 AT 16:59

आज फुरसत लेकर आया था,
चार घंटे तक खड़ा भी था उस गली के बाहर,
पर शायद नसीब में न तुम लिखी हो न तुम्हारा दीदार। — % &

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30 MAR 2022 AT 17:08

क्या हुआ अगर तुम,
मेरे हाथ की रेखाओं में,
न आ सकी।
मैं खुश हूं ये जान कर,
मेरे दिल की नसों में,
सिर्फ तुम ही हो। — % &

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28 MAR 2022 AT 12:21

यह नजरें तुम्हारी बदली हुई हैं,
इन नजरों में कभी मेरा चेहरा था।
जब मिल जाए नजर कहीं से गुजरते,
चुराकर नजर को गुजर जाइयेगा।
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19 MAR 2022 AT 11:49

मिलों दूर विरानो में आ चुका हूं,
रंगों से कितनी दूर जा चुका हूं।
तन्हाइयों में बशर करता हूं,
हर रोज खुसियों का कतल करता हूं। — % &

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15 FEB 2022 AT 19:20

क्या फायदा अब तुम्हारा उन गलियों से गुजरने का,

अब तो अपने शहर से बहोत दूर जा चुका हूं मैं। — % &

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