तरुण तडफदार
उठा उठा जागे व्हा रे
उठा उठा जागे व्हा रे
निश्चय करा स्वतःशी
संघर्ष करा संकटाशी
आज तुम्ही जिंका रे
यशाचा डंका वाजवा रे
खुप झाली झोप आता
उद्या तुमच्या हाती सत्ता
झटका अंगातुन आळस
वाटु द्या नैराश्याची किळस्
नका स्वीकारु गुलामी
नका करु जीवन निलामी
वाट सोडा गुन्हेंगारी
जगन नसावं लाचारी
नाव तुमचं आहें तरुण
दाखवा सुंदर जीवन जगुण
तुम्हीच तुमच्या जीवनाचे शिल्पकार
तुम्हीच आहात तरुण तडफदार...!!!-
12 JAN 2019 AT 21:14
17 AUG 2018 AT 16:53
पहुंच रहे थे एक स्तर पर कंधों पर भार लिए
कुछ राष्ट्र , समाज और स्वयं के ख्वाब लिए
कहीं क्रोध की ज्वाला तो कहीं तेज प्रताप उर में लिए
पर एक व्यथित "गतिशील मन " की व्याकुलता को साथ लिए
पहुंच रहे थे एक स्तर पर कंधों पर भार लिए
तरुण हो रहे कुछ हम तो कुछ तरुण मन को लिए
नविन पथ पर दिन -प्रतिदिन कुछ जिज्ञासा को लिए
कभी विचलित होता ''गतिशील मन '' तो कभी अविचल भाव लिए
प्रेम भाव में लिप्त हुए तो कभी मोह के बंधन से मुक्त हो लिए
पहुंच रहे थे एक स्तर पर कंधों पर भार लिए
बढ़ती सूझ-बुझ तो कभी फिर से वहीं नादानी लिए
वृक्ष अशोक-सा यौवन तो फिर होती इस ''गतिशील मन '' की भ्रांतियाँ लिए
मंजिल की ताक में कुछ स्वपन और कर्त्तव्य को साथ लिए
स्वयं की तलाश में संघर्ष का पथ लिए
पहुंच रहे थे एक स्तर पर कंधों पर भार लिए
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