मौसम क्या बदला देखते देखते बरसात आ गई,
बरसात को देखकर ना जाने क्यूँ मुझे तेरी याद आ गई,
मैने भीगकर देखा बरसात की बूँदों में तो,
हर बूंद में मुझे तेरी तस्वीर नज़र आ गई,
तेरी याद आते ही मेरी आंखें भी जम कर बरस पड़ीं,
फिर बरसात और मेरी आंखों में टक्कर बराबरी की हो गई...!
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13 JUN 2021 AT 22:36
10 JUL 2020 AT 16:30
इंसान को हमेशा छोटी- छोटी गलतियों से बचना चाहिए
क्योंकि टक्कर हमेशा पत्थर से लगती है, पहाड़ से नहीं-
27 MAR 2020 AT 20:41
इस ख़याल से उस ख़याल तक जब भी जाता हूँ।
तुमसे ही क्यों बार बार मैं टकराता हूँ।-
8 NOV 2019 AT 22:43
मैं उनसे टकराया
और वो मोहब्बत से।
अब भी बताना होगा क्या
कि कौन हूँ मैं?-
8 SEP 2018 AT 21:04
टक्कर-ऐ-रंजिश दे दूँ मैं दुश्मन को ,
की उतना जिन्दा तो हूँ !
वार-ऐ-साजिश अपनों पे करूँ ,
की इतना जिन्दा भी नहीं ।-
3 APR 2020 AT 14:12
सोचता बहुत है दिल मेरा की इश्क़ के टक्कर की पहली बार ऐसी कोई बीमारी आयी है ,
जिनका न तो इलाज है कोई और न ही कोई अभी तक दवा आयी है।।-
10 APR 2021 AT 18:18
बात कुछ खास नहीं हम में...
हां, वो अलग बात है कि
अपने टक्कर का
कोई मिला नहीं आज तक।-
24 MAR 2021 AT 10:56
ब्रह्माण्ड में
किन्हीं दो पिण्डों के
दो बार टकराने की
सम्भावना
न के बराबर है।
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