खाने से झूठी कसम गर मौत हो जाती,
हम ना जाने कब के मर गये होते..-
वो किसी और की बाहों में सोकर,
हमारी झूठी कसम खाकर
हमसे ही कहती है,
"ι ℓν υ"
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जो उम्रभर,साथ निभाने का, वादा करते हैं, वो भूल जाते हैं ,
खाते है झूठी कसमें, किसी ओर की ख़ातिर, दिल तोड़ जाते हैं
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कसम खाई थी, उसने मुझे छोड़कर ना जाने की ,
मुझे क्या पता था, कसमें भी झूठी खाई जाती है..!!-
झूठी थी वो कसमे तेरी, झूठे थे
अफसाने ..💔
क्या कहूं तेरे हुस्न का, सारे जलवे थे
दिखावे...💔-
दिल टूटा तो जाना।।
जाने कितनो को इस दर्द से है गुजरता जाना ।।
ये मोहब्बत ही थी या सिर्फ जिस्मो की प्यास बुझानाv।।
उनका बार बार झूठी कसमें खाना ।।
कहा था हमने मुझे छोड़ के ना जाना ।।
मेरे अलावा किसी से दिल ना लगाना ।।
फिर क्या थी तेरी मजबूरी जो मुझे छोड़ कर था जाना ।।
कैसी थी तेरी मोहब्बत कैसा था ये फसाना ।।
दर्द दिया है तूने मुझे भी अब ना लौट के आना ।।
झूठी थी कसमें जूठा था तेरा बहाना ।।
नहीं रहना था साथ तो क्यों पड़ा तुझे मुझसे दिल लगाना ।।-
अपनी इस उड़ान पर हम दोनों हैं शर्मिंदा
तू भी उड़ ना पाया, मैं भी गिरा परिंदा
सारी कसमें सारे वादे टूट गए रस्ते में
अपने अपने हाल में, मैं भी जिंदा, तू भी जिंदा-
हमे तड़पाने के चाहत में खुद भी तड़प रहे हो
सच जानते है हम, फिर भी झूठी कसमें खा रहे हो
जानते हो ना,के जीना मुश्किल है तुम्हारे बिना
जानेमन, फिर भी तुम हमसे दूर जा रहे हो-