QUOTES ON #कल्पना_चावला

#कल्पना_चावला quotes

Trending | Latest
1 FEB 2022 AT 16:37


If you want to do something, what does it matter where you are ranked?

__Kalpana Chawla

— % &

-


1 FEB 2021 AT 22:44

मेरे शब्दकोश में
उस शब्द के
आविर्भूत होने की
कल्पना भी नहीं है ,
जिससे
मैं कल्पना जी के
व्यक्तित्व का
महज एक तिनका
भी लिख सकूँ ...

-


1 FEB 2020 AT 15:37

रोया आसमां भी ये क्या हो रहा है।
जमीं पर जैसे सपना सो रहा है।

-


1 FEB 2020 AT 13:34

कल्पना चावला

-


18 MAR 2018 AT 3:09

"अंतरिक्ष की परी" थी,प्रतिपल
अंतरिक्ष हेतु बिताया,
लाखों युवाओं की प्रेरणास्त्रोत
बन विश्व को दिखलाया।

भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष
यात्री बन इतिहास रचाया
अंतरिक्ष में भारत का जिसने
अविस्मरणीय परचम लहराया।

इच्छा और दृढ़ संकल्प शक्ति
का वो पाठ पढ़ाया,
भारतीय बालाओं के हौंसलों
को जिसने पर लगाया।

कर गुजरने का ज़ज्बा हो तो
कुछ भी असंभव नहीं है,
माँ भारती की बेटी कल्पना ने
अंतरिक्ष में कर दिखाया।

सम्पूर्ण देश ने कल्पना चावला
की जन्म जयंती पर उनको
कोटि- कोटि नमन कर अपना
स्नेह जताया, शीश नवाया।

© #Veenu"✍

-


1 FEB 2022 AT 6:39

अंतरिक्ष के लिए बनी हूँ मैं
हमेशा अंतरिक्ष मे रहूंगी मैं
अंतरिक्ष के लिए काम मेरा
अंतरिक्ष मे मर जाऊँगी मैं

कहते कहते हुई अंतरिक्ष
काम एक बड़ा वो कर गई
करनाल की बेटी 'कल्पना'
अंतरिक्ष में सितारा बन गई

-


1 SEP 2023 AT 21:16

अंतरिक्ष में पहुँचनेवाली
अपनी कल्पनाओं को उंची उड़ान देनेवाली !

भारत का नाम रोशन करनेवाली
बेटियाँ हमारे भारत की
भारत देश की गौरव गाथा लिखनेवाली !!

-


17 MAR 2022 AT 8:46

सपना, तुम्हें वास्तविकता से परे ही क्यूँ ना लगे,
हौसला, कुछ करने की जिद्द, सपने सच करेगा।

-


1 FEB 2021 AT 10:23

एक उड़ान कल्पना से परे की,
नील गगन-आसमां को छूने की,
सितारों से भी आगे को जाने की,
सपनों की चुनौती को स्वीकारने की,
इन सपनों को वास्तविक रुप देने वाली,
देश की बेटी अंतरिक्ष परी कल्पना चावला थी।

-


12 FEB 2024 AT 16:28

🌹 कल्पना चावला 🌹

जन्म ली हरियाणा में, उस बेटी का था इक सपना,
अपनी धरती अपना है गगन, अंतरिक्ष भी हो अपना।
भारत की नन्हीं सी जान, पर ऊँची थी उसकी उड़ान,
कल्पना की पूरी होने को थी, जो मन में थी कल्पना।।

दृढ़ निश्चय एवं कड़ी मेहनत से, नासा में जगह बनाई,
पहला मिशन शुभ घड़ी बनकर, जीवन में जब आई।
कुंदन बन निखरने को, उसे मंजूर था भट्टी में तपना,
तीन सौ साठ घंटे अंतरिक्ष में, साकार हुई कल्पना।।

दूसरा मिशन को उत्सुक, अद्भुत करने की जिज्ञासा,
भारत ही नहीं विश्व भर की, उनसे लगी थी आशा।
मिशन अन्वेषण पूरी हुई, पूर्ण हुआ उनका सपना,
तारों का भ्रमण कर, ध्रुवतारा बन चमकी कल्पना।।

एक फरवरी दो हजार तीन, वो मनहूस दिन आया,
कोलंबिया अंतरिक्ष यान, पृथ्वी की कक्ष से टकराया।
अनहोनी खेल दिखाया, नसीब हमारे लिखा तड़पना,
ईश्वर हमारी कल्पना को, सदस्य बना लिया अपना।।

-