DrMukesh Aggarwal  
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Joined 15 February 2020


Joined 15 February 2020
21 JUL 2023 AT 12:16

सुविधा नही समय चाहिए
पैसा नही प्रेम चाहिए
माँ बाप को दोस्तो तुम से
दया नही दृष्टि चाहिए
मुझे पता अच्छे से तुम
व्यस्त जरूरी कामो में
कभी गुजारा साथ तुम्हारे
थोड़ा सा वो वक्त चाहिए

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14 JUL 2023 AT 8:02

पानी पानी देश की राजधानी हो गई
हर और कहने को एक कहानी हो गई
गर्मी से हिमालय की हिम पिंघलने लगी
रावी ब्यास गंगा यमुना तूफानी हो गई

ये तो बस शुरुआत है समझ ले इंसान
तेरी अहम की हद अब सयानी हो गई
अंधाधुंध विकास की कीमत चुका रहे
हर और मानव तेरी मनमानी हो गई

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14 JUL 2023 AT 7:31

🌊💧🌧️⛈️🌪️⛈️🌨️💧🌊
पानी पानी देश की राजधानी हो गई
हर और कहने को एक कहानी हो गई
गर्मी से हिमालय की हिम पिंघलने लगी
रावी ब्यास गंगा यमुना तूफानी हो गई

ये तो बस शुरुआत है समझ ले इंसान
तेरी अहम की हद अब सयानी हो गई
अंधाधुंध विकास की कीमत चुका रहे
हर और मानव तेरी मनमानी हो गई
🌊💧🌧️⛈️🌪️⛈️🌧️💧🌊

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14 JUL 2023 AT 7:21

जल मांगो जंगल मांगो

पीने के लिए जल मांगो शुद्ध हवा को जंगल
वन्य जीवो से करो प्रेम पर्यावरण का हो मंगल
जीवन जल में पैदा होता पनपता जमीन पर
कार्बन व ऑक्सीजन जब दोनों का हो दंगल

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18 APR 2023 AT 7:58

जल मांगो जंगल मांगो

पीने के लिए जल मांगो शुद्ध हवा को जंगल
वन्य जीवो से करो प्रेम पर्यावरण का हो मंगल
जीवन जल में पैदा होता पनपता जमीन पर
कार्बन व ऑक्सीजन जब दोनों का हो दंगल

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30 DEC 2022 AT 7:51

अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

नरेंद्र सा नर जना जिसने
वो जननी आज विदा हुई
सौ वर्ष पूरा कर धरा पर
ईश्वर की गोद मे समा गई

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30 NOV 2022 AT 7:46

जयंती पर नमन

खड़ा पेड़ पौधों को जिसने
प्राणियों के बराबर किया
पहली बार जीवन इनमें
ऐसा जिसने उद्घोष किया

क्रिस्कोग्राफ बना दुनिया का
ध्यान खींचा भारत की और
जगदीशचंद्र बसु ने सबको
अचंभित व विस्मित किया

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25 NOV 2022 AT 8:02

दिन आए ये बार बार
तेरे जीवन मे ये बहना
लाखों में है एक हमारे
जीजाजी का क्या कहना

सिल्वर जुबली शादी की
मुबारक आप दोनों को
चारों और हो खुशियां
सदा संग में यूँ ही रहना

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24 NOV 2022 AT 7:42

जो जैसा है स्वीकार करो
ज्यादा ना तुम विचार करो
कोई कैसा भी करे तुम से
तुम अपने सा व्यवहार करो

कभी निजता ना छोड़ो तुम
प्रकृति से अपनी बंधे रहो
हालात चाहे जैसे भी हो
ना अपने को मक्कार करो

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23 NOV 2022 AT 8:02

आत्ममोह से है पीड़ित
उलझे है अपने मे हम
सुध बुध खोए देख रहे
खुद को सपने में हम
सबसे बड़े दुश्मन से
अवश्य ही जीत जाएंगे
गर सारा ध्यान लगा दे
लक्ष्य को जपने में हम

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