Vinay Ranjan  
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Joined 7 November 2017


Joined 7 November 2017
30 AUG 2018 AT 1:47

योर कोट की मेरी अब तक की संक्षिप्त यात्रा में मुझे बहुत ही अच्छे और सुलझे हुए लोगों का स्नेहिल सान्निध्य प्राप्त हुआ, उनके नाम हैं: सन्नी शर्मा, प्रशांत, लक्षित शर्मा, देवांश कुमार, साहिल भारद्वाज, जतिन ओसवाल, मुंशी के अत्री, अनुराग सोनी, आर कपूर, चिराग शर्मा, ब्रजेश शर्मा, सौरभ भारद्वाज, जीतेन्द्र जी शर्मा, कुशवाहा कुमार अनिल, कुमार कश्यप, नवीन कुमार, संतोष, पुलकित अग्रवाल, संजय चौधरी, गुलशन कुमार, अभिषार गांगुली, मिशाल कुमार, गुमनाम, राज की बातें, अभय आर्यन, प्रज्ञा शर्मा, वनराज खैरे, प्रियंका मुथरेजा, रंजू जायसवाल, निधि सक्सेना, पूनम कुलश्रेष्ठ, सरोज यादव, रेणु शर्मा,भावना जोशी, स्मृति प्रधान, रफत अख्तर, वर्षा थपलियाल, हिमांशी धवन, स्मृति प्रधान, अर्चना गुप्ता, दीपा सिंह, प्रीति कुमारी, जया लक्ष्मी, दिव्या पी एस रावत, वाई क्यू गुड़िया, रीना बशिष्ठ, समृद्धि, दीपशिखा एसकेबी, शिखा साहू,ऋचा वर्मा, आयत रिज़वी, प्रिया अय्यर, ममता इननिया कुरी, स्वप्निल अवस्थी, भावना साहू, चाँदनी कार्की, शुभी पराशर, प्रीति मांडेकर, प्रीति कुमारी, शिखा द्विवेदी,ऐश्वर्या राय, और अन्य सभी स्नेहीजनों जिनका उल्लेख यहाँ नहीं हो पाया, को अनवरत शेयरिंग, सहयोग व हौंसला आफजाई हेतु हृदयतल से आभार एवं शुभकामनाएं🌹🙏 #Veenu"

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28 AUG 2018 AT 20:15

I Wanna Open the Dark
Chambers of Unscripted Grief,
Doors of Unseen Fears,
Sitting Over My Mind
And Heart Like An Octopus,
For Shredding My Emotions,
To Open a New Window
For the Exit of Captive Joys,
To Exhale The Smothered
Fragrances of Untold Love
To Melt My Condensed Tears,
Bcz It Helps Me in Dealing
With Pain and Pleasure,
In the Process it May Help
Other People to Read, Corelate
It Differently and To Deal With
Their Untold Emotional Journey
Revealing Multidimensional
Interpretations Based on
What They've Gone and
Presently Going Through..!
© #Veenu"✍

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27 AUG 2018 AT 14:49

Hearts And Dreams
Often Break Down But
Life Goes On
Never Look Back
© Veenu"✍

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26 AUG 2018 AT 15:18

राखी के धागे से बंधा है भाई - बहन का अनूठा रिश्‍ता,
किसे याद नहीं है द्रौपदी एवं कृष्‍ण का वह अटूट रिश्‍ता।
राखी के त्योहार की शुरुआत की नींव में हैं यम -यमुना,
कहा जाता है कि इस पर्व का प्रचलन है सदियों पुराना।
योद्धाओं को राजस्थान में लगाई जाती थी रोली टीका।
सिकंदर - पत्‍नी की राखी ने पुरू से जोड़ा नया रिश्ता।
हुमायूँ ने भी रानी कर्णावती की राखी की थी लाज रखी,
इंद्राणी के स्नेह - धागे से देवराज इंद्र को विजय मिली।
राजा बलि को अपना भाई बनाई थीं जब लक्ष्मी माता,
श्रावण मास - पूर्णिमा तिथि को यह पर्व मनाया जाता।
© #Veenu"✍

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26 AUG 2018 AT 11:25

जब मेरा भाई पैदा हुआ,
तब मुझे उससे बेहद नफरत हुई थी,
अब वही मेरा अज़ीज़ है।
© #Veenu"✍

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26 AUG 2018 AT 5:50

Many Weathers
In the Life
Passed Away
Leaving Their
Different Marks
On the Face
But the Dark Mark
of Grief, Agonies
Are Visible
And It Requires
Facelift By the
Thick Paint of
Love n Joy..
Seeking A Reason
for Perfect and
Well Deserved
New Vacation...!!
© #Veenu"✍

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26 AUG 2018 AT 5:24

हर कदम एक नई दुस्वारी
हर वक़्त जाने अनजाने खौफ,
पल पल गूंजती करुण चीत्कारें,
नफरतों के बढ़ते कंटीले साये,
भीड़ में होकर भी तनहाइयों का शोर,
आफिस, कैब, पार्क या पब पार्टी में
सामूहिक बलात्कार के दहकते अंगारे,
धर्म की आड़ में छिपे वहशी दरिंदे..
और भी तो है बहुत कुछ...
कितने कहे-अनकहे जंग ओ जख्म
अन्दर की टूटन, मुक्ति की तड़प..
अनजान तो तू उन सबसेे भी नहीं..
ज़िन्दगी तुम न जाने कब कैक्टस हो गयी..
आजिज़ आ गया हूँ..परेशान न कर,
कम से कम अब तो सब्र कर..
इस कैक्टस में भी जरा फूल खिलने दे..!!
© #Veenu"✍

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26 AUG 2018 AT 4:49

जब मिला था तुमसे,
तुम मुझे बिल्कुल बेपरवाह,
हर वक़्त खिलखिलाने वाली
अलमस्त और बिंदास सी लगी थी,
एक बेफिक्र बहने वाली नदी की मानिंद,
और ऐसे लोग मुझे पसंद नहीं थे..
लेकिन अब मैं नदी के तट पर अल-सुबह
टहलने जाने लगा हूँ, उसकी धारा को
बेपरवाह बहते देखना भाने लगा है मुझे..!

जब मिली थी मैं तुमसे,
और तुम मुझे बेहद मितभाषी,
खूब कंजूसी से मुस्कुराने वाले,
संजीदा, किस्म के इंसान लगे थे..
एक शांत झील की मानिंद, मुझे लगा था
कि- ऐसे भी कोई जी सकता है भला..?
न जाने क्यूँ अब मैं अक्सर बाजू वाली
झील के चबूतरे पर बैठने लगी हूँ,
उसकी गहरी चुप्पी और शांत ठहराव वाला
वातावरण बेहद सुकून सा देने लगा है मुझे..!!
© #Veenu"✍

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24 AUG 2018 AT 22:35

मुझे ये लगता है कि तुम्हारा प्यार
मेरे लिए बारिश की बूंदों जैसा है,
क्योंकि ये मेरे तन मन को तृषित करता है..!
मगर लगता है- ना,नहीं, बारिश का क्या ?
वो तो आती जाती रहती है..!
तब मुझे ये लगने लगता है कि तुम्हारा
प्यार मेरे लिए बादलों जैसा है जो,
हमेशा मेरे इर्द- गिर्द ही घूमता रहता है..!
जो अपने दामन में बारिश भी समेटे रहता है..!!
© #Veenu"✍

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23 AUG 2018 AT 21:19

हम सभी भागे जा रहे हैं,
बेमकसद भागे जा रहे हैं!
मालूम नहीं कहाँ ?
किधर और क्यों ?
दुर्बल कंधों पर
कुँवारी हसरतों के
बोझ उठाये,
कुण्ठाओं से
क्षण -क्षण हो रही
बोझिल साँसों के साथ,
सुकून और खुशियों के
एक टुकड़े धूप
की आस में,
लगा रहे हैं हम सब-
"एक अंधी दौड़...!"
© #Veenu"

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