खुशियां तारीख नहीं बल्कि तकदीर लाती है।
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बस किसी भी हाल मे इतना तो succcessful जरूर बनना हैं
की कोई मदद मागे तो उसे मना... read more
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी कोई दवा नहीं
फिर भी खुश हूं मुझे उससे कोई गिला नहीं
और कितने आंसू बहाऊ अब उसके लिए
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में कुछ लिखा ही नहीं
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थके हुए आते है हर रोज दफ्तर से मगर हारे नहीं है
क्योंकि खाते है खुद की मेहनत का किसी के सहारे नहीं हैं
कुछ सपने हमने भी सजाए है अपनो के लिए जिंदगी में
संघर्ष भले ही हो जीवन में पर उम्मीदों से बनी हुई नींव में आज भी दरारें नहीं है।-
ज़ावेद अख़्तर का एक शॉर्ट्स देख रहा था। उसमे वो अहंकार और स्वाभिमान का फ़र्क़ समझा रहे थे। अहंकारी मानव वो है जो अपने से बड़े साहब लोगों के सामने दुम हिलाता है छोटे लोगों पर धौंस जमाता है।
वहीं स्वाभिमानी मानव अपने से बड़े का धौंस नहीं सहता और अपने से छोटों को कभी धौंस नहीं दिखाता।
मैंने इस पैरामीटर पर ख़ुद को कसा है और पाया है कि मैं स्वाभिमानी मनुष्य हूँ। मेरे पास बस इतना ही अहंकार है।-
जीवन निर्णयों की वजह से बनता है आप अपने जीवन में कैसे निर्णय लेते है आपका भविष्य उसी बात पर निर्भर करेगा और कोई दूसरा पैमाना नहीं है।
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कंसिस्टेंसी बोरिंग लगती है लेकिन यहीं हर एक असफलता को सफलता में बदलती हैं।
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दुनिया को आज मतलब नहीं है कौन अच्छा व्यक्ति है और कौन बुरा आज लोगो की चर्चाएं होती है कि कौन कितना अमीर है
आज इंसानियत और अच्छाईयो के ऊपर चर्चा नहीं होती।-
कोई भी कार्य अगर मन से पूर्ण समर्पण के साथ किया जाए उसमें टाइम भले कम हो उसमें सफलता जरूर मिलती है।
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